शत्रुघ्न सिन्हा का ये डायलॉग्स हुआ था इतना फेमस, जानिए क्या है इसका कारण

बॉलीवुड फिल्मों में जब फेमस डायलॉग्स की बात आती है तो ‘खामोश’ जरूर आता है. वहीं अगर चुपचाप की बात आती है तो हमेशा शत्रुघ्न सिन्हा जरूर याद आते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा का डायलॉग बोलने का स्टाइल किसी भी डायलॉग में जान डाल देता था. ऐसे ही कई डायलॉग हैं, जिनकी फिल्मों को भले ही लोग भुल गए हो, लेकिन अभी तक इन डायलॉग्स को याद रखे हुए हैं

शत्रुघ्न सिन्हा ने एक ही नहीं कई ऐसे डायलॉग है, जिनके बोलने पर तालियां बजने लगती थीं. इसमें विलेन के रुप में कहे गए डायलॉग्स ज्यादा फेमस हैं  ये हमेशा याद रखे जाएंगे. उनका वर्ल्ड फेमस डायलॉग है – ख़ामोश! अपने हाथों को जिस अंदाज़ में हवा में घुमाकर शत्रुघ्न यह डायलॉग बोलते थे, लोग आज भी इन्हें याद करते हैं. ऐसे में जानते हैं उनके फेमस डायलॉग्स कौन-कौन से हैं

1. पहली ग़लती माफ़ कर देता हूंदूसरी बर्दाश्त नहीं करता (असली नकली)

2. जब दो शेर आमने सामने खड़े हों तो भेड़िये उनके इर्द गिर्द नहीं रहते (बेताज बादशाह)

3. जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं (विश्वनाथ)

4. अमीरों से गरीबों की हड्डियां तो चबाई जा सकती हैं उनके घर की रोटियां नहीं (हमसे ना टकराना)

5. जिसके सर पर तुझ जैसे दोस्त का साया हो, उसके लिए बनकर आई मौत, उसके दुश्मनों की मृत्यु बन जाती है (नसीब)

6. आज कल जो जितना ज्यादा नमक खाता है, उतनी ही ज्यादा नमक हरामी करता है. (असली- नकली)

7. मैं तेरी इतनी बोटियां करूंगा कि आज गांव का कोई भी कुत्ता भूखा नहीं सोएगा. (जीने नहीं दूंगा)

8. आज के जमाने में तो बेईमानी ही एक ऐसा धंधा रह गया है, जो पूरी ईमानदारी के साथ किया जाता है. (कालीचरण)

9. अपनी लाशों से हम तारीखें आबाद रखें, वो लड़ाई हो अंग्रेज जिससे याद रखे. (क्रांति)

10. आप आग के पास रहकर शांत नहीं हैं  हम दिल में आग रखकर भी शांत हैं.