ये हैं भारत के 3 सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन, जिनके बारे में नहीं जानते हैं ज्यादा लोग

ट्रैकिंग और कैंपिंग से लेकर गर्मियों में ठंडक के बीच सुकून वाली छुट्टी मनाने का विचार आते ही सबसे पहले हिल स्टेशनों के विकल्प पर ध्यान जाता है। इतनी गर्मी में लोग हिल स्टेशन जाना पसंद हैं ताकि तापमान से कुछ राहत मिल सके और शोर शराबे से दूर रहें। हालांकि ये विचार सिर्फ आपको ही नहीं, घूमने का शौक रखने वाले अधिकतर लोगों को आता है। ऐसे में सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत हिल स्टेशनों पर इस मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंच जाती है।

सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में शिमला-मनाली, मसूरी और धर्मशाला आदि शामिल हैं। अगर आप भी यहां सुकून की छुट्टी मनाने के लिए जाना चाहते हैं तो बहुत अधिक ट्रैफिक और भीड़ के कारण गर्मी आपको यहां सुकून नहीं दे पाएगा। हालांकि कुछ ऐसे हिल स्टेशन भी हैं तो कश्मीर या शिमला मनाली से कम नहीं लेकिन लोग इनके बारे में अधिक जानते ही नहीं।

बहुत कम लोगों को पता होगा कि मनाली से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर उतनी ही खूबसूरत दृश्यों वाला हिल स्टेशन है। अगर आप शिमला-मनाली और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों पर जाना चाहते हैं लेकिन भीड़ से भी बचना चाहते हैं तो भारत के कुछ छुपे हुए हिल स्टेशनों का चयन कर सकते हैं। यहां आपको कुछ आफबीट हिल स्टेशनों के बारे में बताया जा रहा है, जहां आप गर्मियों की छुट्टी बिता सकते हैं।

शांघड़ गांव

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले की सैंज घाटी में खूबसूरत शांघड़ गांव बसा है। इस गांव के नजारे स्विट्जरलैंड जैसे हैं। यही वजह है कि शांघड़ मैदान को कुल्लू का खज्जियार या भारत का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। शांघड़ के मैदान में हरे-भरे पेड़ और अद्भुत चीड़ के पेड़ों व रंग बिरंगे छोटे घरों का नजारा विदेशी पर्यटन जैसा लगता है। यहां बरशानगढ़ झरना, शंगचुल महादेव मंदिर, शांघड़ मीडोज और रैला गांव में लकड़ी से बना टावर मंदिर है, जहां आप मन की शांति और सुंदर दृश्यों का सुख ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे

अपने शहर से चंडीगढ़, अंबाला या जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से सड़क मार्ग के जरिए मनाली तक का सफर कर सकते हैं। गंतव्य तक पहुंचने के लिए मनाली से सैंज का सफर स्थानीय बस से कर सकते हैं। इसके अलावा कुल्लू हवाई अड्डा पहुंचकर भंतर से सैंज के लिए बस या टैक्सी मिल जाएगी।

कनातल

छुपे हुए खूबसूरत हिल स्टेशनों की तलाश में हैं तो उत्तराखंड के कनातल हिल स्टेशन के सफर पर जा सकते हैं। यहां सीमित सैलानी आते हैं, इसलिए प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने के साथ ही भीड़ भाड़ से दूर सुकून का वक्त बिता सकते हैं। कनातल में कैंपिंग, ट्रैकिंग कर सकते हैं। यह हिल स्टेशन देहरादून से 78 किमी दूर है। मसूरी से 38 किमी और चंबा से 12 किमी दूर इस हिल स्टेशन पर पहुंचना भी आसान है।

कैसे पहुंचें

कनातल हिल स्टेशन की सैर के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन से आगे का सफर बस से कर सकते हैं। अगर मसूरी या चंबा में है तो भी टैक्सी या स्थानीय बस आपको कनातल की सैर करा सकती हैं।

कलगा गांव

ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो कलगा गांव का रुख करें। कलगा-बुनबुनी-खीरगंगा ट्रैक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस 28 किमी लंबे ट्रैक को पूरा करने में तीन दिन का वक्त लग सकता है। कलगा गांव और ट्रैक हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पार्वती घाटी में पुलगा डैम के पास स्थित है।

ट्रैकिंग के अलावा यहां पहाड़ी की चोटी से मणिकर्ण घाटी का अद्भुत नजारा दिखता है। सूर्यास्त का दृश्य तो बहुत ही मनमोहक होता है।

कैसे पहुंचे कलगा

कुल्लू जिले के भुंतर तक सड़क व हवाई मार्ग से पहुंचें। हवाई अड्डे से 25 किलोमीटर की दूरी पर मणिकर्ण है, जहां के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं। मणिकर्ण से 10 किमी दूर कलगा गांव है, जहां से ट्रैक की शुरुआत होती है।