अब गंदे नाले नहीं रहे, तारों का जाल-जाम का जंजाल खत्म, पढ़ें- CM योगी ने और क्या कहा

वाराणसी:  वाराणसी के अस्सी घाट पर संबोधन से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर हर महादेव, भारत माता की जय, गंगे मइया, अन्नपूर्णा माई की जय और जय जय श्रीराम के उद्घोष से शुरुआत की। उन्होंने काशी के विकास कार्य गिनाते हुए कहा कि आज काशी के लोग गंदे नाले के बीच में रहने को मजबूर नहीं हैं।

उन्होंने कहा, काशी में राष्ट्रीय राजधानी की तरह फोरलेन व सिक्सलेन का जाल है। अब काशी को लटकते-झटकते तारों के बीच में नहीं घुसना पड़ता। जाम के जंजाल में नहीं फंसना पड़ता है। भगवान बुद्ध के सारनाथ का सुंदरीकरण, संत कबीर के लहरतारा, संत रविदास के सीरगोवर्धन भी पीएम के कारण दिव्य-भव्य हो पाए हैं। मोदी ने काशी के घाटों, काशी के देवालयों का नवनिर्माण करके दिखाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी को अराजकता की ओर जबरन धकेला जा रहा था। काशी के सामने पहचान का संकट पैदा कर रहे थे। 2014 में काशी ने जनप्रतिनिधि के रूप में नरेंद्र मोदी को चुनकर भेजा तो नए भारत के नए उप्र में भव्य-दिव्य काशी दिख रही है। बाबा विश्वनाथ भी अपने परमभक्त मोदी का इंतजार कर रहे थे कि जैसे वह आएंगे काशी विश्वनाथ धाम दिव्य-भव्य रूप में दिखेगा।

काशी ने मोदी के नेतृत्व में रिकॉर्ड तोड़ा है। यहां सर्वाधिक 16 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन प्रमाणित करता है कि सर्वाधिक पर्यटक काशी में आ रहे हैं। काशी में इंफ्रास्ट्रक्चर व रेलवे का बेहतरीन मॉडल है। मीटर गेज पर छुक-छुक की स्पीड से चलने वाली नहीं, बल्कि नए भारत की नमो भारत, वंदे भारत व अमृत भारत ट्रेन काशी से देश के विभिन्न स्थानों तक चल रहीं हैं।

उन्होंने कहा, काशी का एयरपोर्ट देश-दुनिया को जोड़ रहा है। पीएम ने कहा था कि मां गंगा हमारी आस्था की प्रतीक तो हैं ही, लेकिन इसे वाॅटर ट्रांसपोर्ट का बेहतरीन मॉडल भी बनाएंगे। इससे इसकी अविरलता व निर्मलता को बनाने में मदद मिलेगी। नाविकों व अन्य लोगों के व्यापार को बढ़ाने के लिए जल ट्रांसपोर्ट का उपयोग करेंगे। अब यह साकार हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह सब काम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुए हैं और आप लोग 2014 के पहले और बाद की काशी को याद कीजिए। काशी की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक गूंज हजारों वर्षों से दुनिया और दिग्दिगंत में रही, लेकिन आजादी के बाद काशी, भारत के सनातन परंपरा से जुड़े हुए श्रद्धालुओं की जो अपेक्षा और आकांक्षा थी, उसके अनुरूप काशी की कायाकल्प की जरूरत देश में शासन करने वाली तत्कालीन राजनीतिक शक्तियों ने कभी नहीं की।

सीएम ने लोगों से अपील की, प्रधानमंत्री रिकॉर्ड वोटों से जीतेंगे, लेकिन काशीवासियों की जिम्मेदारी है कि अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ने हैं। छठे चरण में ही साबित हो गया कि भाजपा 400 पार जा चुकी है। काशी से गया संदेश रामराज्य की संकल्पना को जमीनी धरातल पर उतारने का काम करेगा। मोदी ने ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को सम्मान दिया है।

काशीवासी गर्व करें कि सनातन धर्म का गौरव उन्हीं से लौटा
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशीवासी गर्व करें कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को संसद में पहुंचाया और उन्हाेंने सनातन धर्म के गौरव को लौटाया है, काशीवासियों का गौरव है कि वे वर्तमान और भावी पीढ़ी को बोल सकते हैं कि 500 साल का इंतजार जब हुआ, तब हम भी इसके साक्षी थे।