पहली बार आम्रपाली दुबे ने किया ऐसा, देख छूटे लोगो के पसीने

मीडिया से विशेष बातचीत में आम्रपाली ने कहा, “बालीवुड या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से तुलना अगर करेंगे तो भोजपुरी का संघर्ष ज्यादा है. हमारी फिल्में मल्टीप्लेक्स तक नहीं जा पा रही हैं.

अभिनेत्री ने बताया कि भोजपुरी भी लीक से हटकर सिनेमा बना रहा हैं. उसके पास भी कहानियां हैं. कई बायोपिक लाइन में है. महिला प्रधान फिल्में बन रही हैं.

अभी कई फिल्मों में महिलाओं का सशक्त रोल दिखाया गया है. लेकिन दिक्कत यही है कि हमारी फिल्म देखने वाला मल्टीप्लेक्स का नहीं है इसलिए कहानियां भी उस स्तर की नहीं है.

अगर आट्रिकल 15 जैसी फिल्म चाहिए तो उसे समझने वाला दर्शक भी होना चाहिए. आज सिंगल स्क्रीन पर टिका भोजपुरी सिनेमा उस समय भी खत्म हो जाएगा जब सिंगल स्क्रीन खत्म होगा.

जबकि दक्षिण मराठी फिल्मों के लिए वहां की राज्य सरकारों ने मल्टीप्लेक्स में रिलीज करने को कह रखा है. अगर बिहार. यूपी झारखंड की सरकार भी साथ होंगी तो इंडस्ट्री बढ़ेगी. कलाकार काम करने के लिए आएंगे इससे जुड़े लोगों को भी अच्छा मेहनताना मिलेगा.”

भोजपुरी फिल्मों में अभिनय का लोहा मनवाने वाली अभिनेत्री आम्रपाली दुबे (Aamrapali Dubey) भोजपुरी सिनेमा को लगातार ऊपर उठाने का प्रयास भी कर रही हैं.

आम्रपाली कहती हैं कि भोजपुरी सिनेमा काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा है लेकिन इससे सुनहरी आस जुड़ी हुई है. इस इंडस्ट्री के साथ काफी बुरा हुआ लेकिन अब उम्मीद की रोशनी भी दिखी है.

बस लड़ाई इसे मल्टीप्लेक्स तक ले जाने की है. भोजपुरी सिनेमा जैसे ही वहां पहुंचेगा तो यह एक अलग मुकाम होगा. क्योंकि जिस तरह से कोरोना काल में सिंगल स्क्रीन बंद हो रहे हैं ऐसे में भोजपुरी इंडस्ट्री के सामने गहरा संकट खड़ा हो रहा है.