देश की सबसे फास्ट स्पीड की ट्रेन वंदे भारत का हुआ ऐसा बुरा हाल, सात बोगियां डैमेज

देश की सबसे फास्ट स्पीड की ट्रेन वंदे भारत एक बार हादसे का शिकार हो गई है। उत्तर प्रदेश के कानपुर-टुंडला के पास अछालदा में 23 फरवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस में फिर से इस हादसे की खबरें सामने आई। उत्तरी रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर ने बताया कि ट्रेन के ड्राइवर सीट के पास के स्क्रीन बुरी तरह से टूट गई है। इसके अलावा ट्रेन की सात बोगियां और 8 खिड़कियों के टूटने की भी जानकारी सामने आ रही है।

बताया जा रहा है कि ट्रेन के बगल वाली ही पटरी पर डिब्रूगढ़ राजधानी आ रही थी। दोनों ट्रेन आपस में इतने करीब आ गए थे कि पटरियों से गिट्टियां उड़कर वंदे भारत एक्सप्रेस की खिड़कियों पर आ लगे जिससे वे डैमेज हो गए। पत्थर का टुकड़ा ड्राइवर सीट की सामने वाले शीशे (विंड स्क्रिन) से टकराया, उसके बाद कोच संख्या C4, C6, C7, C8, C13 के शीशों पर टकरा गया. पत्थर कोच C 12 के दोनों तरफ की खिड़कियों पर टकराया। घटना के बाद ट्रेन को कुछ देर के लिए रोका गया।ट्रेन के साथ यात्रा कर रही तकनीकी टीम ने जांच कर बताया कि ट्रेन अपनी सामान्य स्पीड से चल रही थी और यह पूरी तरह से फिट है।रेलवे टूटी खिड़कियों के मरम्मत का काम करवा रही है। रेलवे ने बताया कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई है।

उत्तरी रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर ने बताया कि ट्रेन के मुख्य ड्राइवर की स्क्रीन और 8 खिड़कियां और 6 बोगियां टूट गई हैं।उन्होंने बताया कि बगल वाली रेलवे पटरी पर डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस भी तेज स्पीड से आ रही थी, जिसके कारण पटरियों की गिट्टियां उड़कर ट्रेन 18 के खिड़कियों पर जा लगी जिससे शीशे औऱ खिड़कियां टूट गई। सीपीआरओ ने बताया कि हालांकि किसी पैसेंजर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और ट्रेन बिना किसी देरी से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर गई है। खिड़कियों पर सेफ्टी शीट लगा कर ट्रेन को रवाना कर दिया गया है।

भारत की सबसे तेज ट्रेन के साथ दो महीने में ऐसी तीसरी चौथी घटना सामने आई है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि जब यह हादसा हुआ, तब टूंडला जंक्शन पर ट्रेन क्रॉस कर रही थी। इससे पहले भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार ‘ट्रेन 18’ पर दिसंबर 2018 में दिल्ली से आगरा के बीच परीक्षण के दौरान पत्थर फेंके गये थे।

पथराव के दौरान ट्रेन के कोच का शीशा टूट गया था। उसी महीने की शुरुआत में भी इसी तरह की घटना हुई थी। गौरतलब है कि 15 फरवरी को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ट्रेन 18 के परिचालन को हरी झंडी दी गई थी।