उत्तर प्रदेश : कोरोना वायरस के चलते नहीं होगी कांवड़ यात्रा, योगी सरकार ने लिया फैसला

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की चिंता से सहमति जताते हुए कहा कि इस यात्रा को सांकेतिक रूप से चलाना बेहतर होगा। केंद्र के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक आना कोरोना के लिहाज से उचित नहीं होग।. बेहतर हो कि टैंकर के ज़रिए गंगाजल जगह जगह उपलब्ध करवाया जाए।

इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने 13 जुलाई को कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया था। इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना था, ”हरिद्वार को हम कोरोना वायरस महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते और लोगों का जीवन हमारे लिए प्राथमिकता है .

जिससे हम खिलवाड़ नहीं कर सकते।” साथ ही बीते दिन राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी राज्य में कांवड़ यात्रा को बैन कर दिया। यात्रा पर बिहार, ओडिशा, झारखंड में भी रोक लगाई जा चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन और बी आर गवई की बेंच ने मामले पर 14 जुलाई को स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा था कि उत्तराखंड ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यात्रा रद्द कर दी है लेकिन यूपी ने ऐसा नहीं किया है। राज्य सरकारों का यह रवैया लोगों को भ्रमित करने वाला है। इस पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।

उत्तर प्रदेश में इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा को कोरोना वायरस के चलते रद्द निरस्त कर दिया गया है। कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया हॆ। यात्रा को लेकर राज्य सरकार और कांवड़ संघ के बीच बातचीत हुई थी। बता दें सुप्रीम कोर्ट में भी इस पर सुनवाई चल रही है जिसकी अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।