इसरो अध्यक्ष के सिवन ने चंद्रयान-2 से जुड़ा नासा का दावा कर दिया खारिज, बताया चंद्रयान-2 का ये सच

इसरो अध्यक्ष के सिवन ने चंद्रयान-2 से जुड़ा नासा का दावा खारिज कर दिया है, जिसमें नासा ने कहा है कि उसने दुर्घटनाग्रस्त विक्रम लैंडर के मलबे को चांद की सतह पर खोज लिया है। सिवन का कहना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस मलबे को काफी पहले ही ढूंढ लिया था। ये मलबा चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ही ढूंढा था।

सिवन ने कहा, ‘हमारे खुद के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर को ढूंढा था। इस बात की घोषणा हम पहले ही अपनी वेबसाइट पर कर चुके थे, आप जाकर देख सकते हैं।’ बता दें मंगलवार को नासा ने विक्रम लैंडर की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जबकि मलबे की साइट का पता लगाने में चेन्नई स्थित मैकेनिकल इंजीनियर और ऐप डेवलपर की भूमिका को भी स्वीकार किया है।नासा की ओर से कहा गया है कि तस्वीर में ग्रीन डॉट्स इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह विक्रम लैंडर है।

जबकि नीला डॉट यह दर्शा रहा है कि लैंडर की लैंडिंग के बाद वहां की मिट्टी हटी है, जहां पर विक्रम लैंडर ने लैंडिंग की थी। एस इस बात को दर्शाता है कि मलबे की पहचान शनमुगा सब्रमण्यम ने की है। शनमुगा सब्रमण्यम ने एलआरओ से संपर्क किया और मलबे की सकारात्मक पहचान की। जिसके बाद एलआरओसी की टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि पहले और बाद की तस्वीर की तुलना के आधार पर इस बात की पुष्टि होती है कि विक्रम लैंडर यहीं पर लैंड हुआ था।विक्रम लैंडर के खोने के तीन दिन बाद यानी 10 सितंबर को इसरो ने एक ट्वीट किया था। जिसमें उसने कहा था, ‘चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है, लेकिन अभी तक संपर्क नहीं किया जा सका है।

लैंडर से संपर्क साधने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।’ बता दें इसरो अगले साल नवंबर में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।इससे पहले लूनर रीकानसन्स ऑर्बिटर कैमरा टीम ने अपनी पहली तस्वीर 17 सितंबर को जारी की थी। लेकिन उस वक्त यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि विक्रम लैंडर कहां है। इसके बाद 14-15 अक्टूबर को फिर से तस्वीरें ली गईं और 11 नवंबर को भी बाद में एक और तस्वीर ली गई। जिसके बाद एलआरओसी की ने आसपास के इलाकों की तस्वीर की तुलना की और विक्रम लैंडर के लैंड करने वाली जगह की पुष्टि की।