कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों ने खोला ये बड़ा राज, कहा शरीर के अंदर…

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का ये म्यूटेशन स्ट्रेन तेजी से शरीर के रिसेप्टर्स पर अटैक करता है. कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के इस वर्जन को D614G नाम दिया गया है. इस स्ट्रेन में अन्य वायरस के मुकाबले 4 से पांच गुना अधिक ‘स्पाइक्स प्रोटीन’ होते हैं.

 

स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्टडी से ऐसे संकेत मिले हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन और इटली में कोरोना वायरस का ऐसा म्यूटेशन देखने को मिला जो वुहान में पाए गए कोरोना वायरस से 10 गुना तक अधिक संक्रामक है.

स्टडी के मुताबिक, न सिर्फ कोरोना वायरस का D614G वर्जन 10 गुना अधिक संक्रामक है, बल्कि यह अधिक स्थिर भी है. बता दें कि कई देशों के वैज्ञानिक ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों कोरोना वायरस कुछ शहरों और देशों में अधिक कहर बरपा रहा है, जबकि कुछ जगहों पर कम.

कोविड-19 के एक म्यूटेशन स्ट्रेन के बारे में पता चला है कि यह अन्य कोरोना वायरस से 10 गुना तक अधिक खतरनाक हो सकता है. अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से की गई स्टडी में ये दावा किया गया है. बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 77.6 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं.