तनाव के बीच भारत और चीन 72 घंटे करेंगे ये काम, रखेंगे…

सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने उन स्थानों से 1-2 किलोमीटर की दूरी पर टेंट, वाहनों और सैनिकों को हटा दिया है, जहां कोर कमांडर स्तर की वार्ता में असहमति पर सहमति व्यक्त की गई थी।

 

वार्ता में यह भी तय किया गया था कि दोनों देश 72 घंटे तक एक-दूसरे पर नजर रखेंगे कि विवादित क्षेत्रों से पीछे हटने के लिए जमीन पर क्या कदम उठाए गए हैं।

हालांकि रविवार शाम तक पूर्वी लद्दाख में जमीन पर कोई डी-एस्केलेशन नहीं था, लेकिन सोमवार से कुछ आगे बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी। सबसे पहले गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से ही चीनी सेना के पीछे जाने की उम्मीद थी।

इसी के तहत आज सुबह चीनी सैनिकों के गलवान, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से अपने कैंप पीछे हटाने की खबर मिल रही है लेकिन सेना की ओर से इस बावत कोई पुष्टि नहीं की गई है।

चीनी भारी बख्तरबंद वाहन अभी भी गलवान नदी क्षेत्र में गहराई वाले क्षेत्रों में मौजूद हैं। हालांकि अभी इस बारे में सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

इसीलिए एक बार धोखा खा चुकी भारतीय सेना बहुत सतर्कता से नजर रख रही है। गलवान घाटी को अब बफर जोन बना दिया गया है ताकि आगे फिर से कोई हिंसक घटना न हो।

आखिर भारत का दबाव काम आया और ड्रैगन ने गलवान घाटी के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया है। 15 जून को इसी जगह खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी सैनिकों ने गलवान, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से भी अपने कैंप पीछे हटाए हैं।