LAC पर पीछे हटी चीनी सेना, अभी 72 घंटे का वक्त…

अजित डोभाल ने अपने समकक्ष से बॉर्डर पर शांति स्थापित करने को लेकर बात की और आगे साथ में काम करने पर मंथन किया. दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना हों.

 

इसी बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने को लेकर मंजूरी बनी. बता दें कि सोमवार को ही ये बात सामने आई कि चीन की सेना ने गलवान घाटी से अपने टेंट समेटने शुरू कर दिए हैं और करीब एक-दो किमी. तक पीछे हट गई है.

चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर मई से ही तनाव की स्थिति बनी हुई थी. 30 जून को दोनों देशों के सैन्य अफसरों में जो बात तय हुई थी, उसी आधार पर अब सेना पीछे हटी है.

चीनी सेना ने अपने टेंट, सामान और सैनिकों को दो किमी. तक पीछे कर लिया है. हालांकि, अभी 72 घंटे का वक्त वेरिफिकेशन के लिए तय किया गया है, इस बीच एक बफर जोन बना दिया गया है ताकि किसी तरह की झड़प ना हो.

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से सीमा विवाद चल रहा है. इसे सुलझाने के लिए दोनों देशों की ओर से प्रतिनिधि तय किए गए हैं, भारत की ओर से अजित डोभाल ही स्थाई प्रतिनिधि हैं.

भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने की कोशिश हो रही है. LAC पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है और चीनी सेना गलवान घाटी से 1-2 किमी. पीछे हटी है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ये सहमति बन पाई है. वांग ली ही चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं.