गुस्से में आकर मुस्लिमो ने किया ये काम, देख लोग हुए हैरान

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, शिव विहार, यमुना विहार हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में शामिल हैं।

 

हिंसा में 42 लोगों की मृत्यु हुई है व 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हिंसा के दौरान संपत्ति को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उ

ग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंपों को फूंक दिया व लोकल लोगों तथा पुलिसवालों पर पथराव किया।
सांप्रदायिक हिंसा में सबसे बुरी तरह प्रभावित इन इलाकों में पिछले पांच दिनों की तुलना में सड़कों पर अधिक वाहन व लोग दिखे।

कई इलाकों में नगर निगम के कर्मचारियों को ईंटों, कांच के टुकड़े व जले हुए वाहनों को हटाते देखा गया। कुछ स्थानों पर, यहां तक कि बुलडोजर का भी प्रयोग किया गया क्योंकि मलबे को हाथ से हटाना कठिन था।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा व डर (Delhi Violence) की खबरों के बीच एक बच्ची का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बच्ची सभी से शांति की अपील कर रही है।

वीडियो में बच्ची ने बड़ी मासूमियत से बोला है- ‘आप बड़े लोग तो हम बच्चों को ना झगड़ने के लिए कहते हैं, फिर आप आपस में क्यों लड़ रहे?’ करीब 2 मिनट के वीडियो में बच्ची ने सभी से शांति की अपील करते हुए बोला है .

जिनके भी घर इस झगड़े में जले हैं, खुदा उनकी मदद करे। बच्ची ने बोला कि- ‘आप लोग लड़ो व हमको समझाओ , ऐसा थोड़ी होता है।

आप लोग लड़ोगे तो हमको भी बुरा लगेगा। मेरी दुआ है कि कोई लड़े-झगड़े नहीं। ‘ बच्ची ने बोला कि मेरी परीक्षाएं समाप्त हो गईं हैं ऐसे में जब प्रातः काल पापा व मां के साथ खबरें देखती हूं तो पता चलता है कि दिल्ली में लोग लड़ रहे हैं।

बच्ची ने कहा- ‘अब कोई घर ना जले, कोई बीमार ना हो किसी को कोई नुकसान ना हो। हमें देख कर अफसोस होता है कि लोगों का घर जल रहा है सब लोग अच्छा हो जाएं व चैन-ओ-अमन कायम हो।

यही मेरी दुआ है। ‘। बच्ची ने कहा, ‘मैं यह बात सबसे कह रही हूं। अगर किसी एक को मेरी बात समझ में आई हो तो वह सबको समझाएं। ‘

बच्ची ने बोला है कि ‘मैं यह दुआ करना चाहती थी कि सबको अच्छा रखना। हमें देख कर कितना अफसोस होता है कि कितने लोगों को घर जल रहा है। कितने लोगों को घर जल रहा है। सब ओर चैन व अमन हो। ‘

 बता दें कि उत्तरपूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में शनिवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही। इन क्षेत्रों में अब जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है।

सुरक्षाकर्मियों की व्यापक गश्त के बीच खुलीं कुछ दुकानों से किराने का सामान व दवाइयां खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकले। लोकल निवासी इस हफ्ते की आरंभ में इलाके में हुए हिंसा के चलते हुए नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की प्रयास कर रहे हैं।