चीन को सबक सिखाने की तैयारी में जुटा ये देश, तैनात की खतरनाक मिसाइल

बृहस्पतिवार की बैठक से पहले एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पत्रकारों को बताया, ”यह असल में कुछ ऐसा करने के बारे में है जिससे क्षेत्र में सार्थक तरीकों से हमारा फायदा बढ़े और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हो”

अधिकारी ने बताया कि यह बैठक असल में एक साथ बैठकर एक-दूसरे को समझने और स्थिति का जायजा लेने के बारे में है। जो बाइडन के जनवरी में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका-चीन के बीच यह पहली आमने-सामने की उच्च स्तरीय बैठक है।

अधिकारी ने कहा, ”हम अपना हाथ मजबूत करने के लिए असल में सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम जो हासिल करना चाह रहे हैं उसके लिए पिछले सप्ताह हुआ क्वाड शिखर सम्मेलन सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है।”

क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। चारों सदस्य देशों के प्रतिनिधि 2007 में इसकी स्थापना के बाद से समय-समय पर मुलाकात करते रहते हैं।

अमेरिका और चीन के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य कदमों और हांगकांग तथा शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों समेत कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन का चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जिएची और चीन के स्टेट काउंसिलर वांग यी से बृहस्पतिवार को अलास्का में मिलने का कार्यक्रम है।

17 मार्च चीन के खिलाफ अपना हाथ मजबूत करने के लिए अमेरिका सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है और हाल ही में हुआ क्वाड शिखर सम्मेलन इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए लिहाज से संभवत: सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है। बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी ने चीन के शीर्ष विदेश नीति अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की पूर्व संध्या पर यह बात कही।