भारत से निपटने के लिए चीन ने बनाया ये खतरनाक प्लान, रात के अँधेरे मे…

जानकार सूत्रों का कहना है कि जिनपिंग की चालों से लगता है कि वे चीन में अपनी ताकत और बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ‌अगर जिनपिंग सीपीसी का चेयरमैन बनने में कामयाब हो गए तो वे 45 सालों में इस पद को हासिल करने वाले पहले नेता होंगे।

 

माओत्से तुंग की तरह जिनपिंग ने अन्य शक्तियां पहले ही हासिल कर रखी हैं। वे चीनी सेना के कमांडर इन चीफ होने के साथ ही मिडिल किंगडम के सर्वोपरि नेता के रूप में पहले ही से काबिज हैं। चीन में उन्होंने शी जिनपिंग रिसर्च सेंटर फॉर डिप्लोमैटिक थॉट भी खोल रखा है। चीनी बच्चों को उनके विचारों के बारे में पढ़ाया भी जा रहा है।

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग को सबसे ताकतवर नेता माना जाता रहा है और चेयरमैन बनने में जिनपिंग की कामयाबी उन्हें माओत्से तुंग के बराबर खड़ा कर देगी।

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास में माओ अकेले नेता हैं जिन्हें पार्टी का चेयरमैन बनाया गया था। माओ के बाद कोई भी नेता इस शक्तिशाली पद पर नहीं पहुंच सका और अब शी जिनपिंग की नजर चेयरमैन के पद पर टिकी हुई है।

इन विवादों के बीच जिनपिंग शातिर चाल चलते हुए खुद को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का चेयरमैन बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि इस महीने के आखिर में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है और कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी की ओर से नए रेग्यूलेशन को मंजूरी दी जा सकती है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शातिर चलने चलने में काफी माहिर माने जाते हैं और इन दिनों पड़ोसी देशों के साथ विवाद पैदा करके वे पर्दे के पीछे एक नई शातिर चाल चलने में जुटे हुए हैं।

भारत के साथ लद्दाख में चीन का तीखा सैन्य विवाद चल रहा है तो ताइवान, नेपाल और हांगकांग के साथ भी चीन का कई मुद्दों को लेकर विवाद है।