अमेरिका के साथ मिलकर जापान देगा चीन को करारा जवाब, शुरू हो सकता बड़ा युद्ध

चीन ने फरवरी में कानून बनाकर तटरक्षक बल को विदेशी जहाजों पर फायरिंग का अधिकार दे दिया है। इसी तटरक्षक बल के जहाज अक्सर शेंकाकू द्वीप के आसपास आते रहते हैं।

जापान अक्सर चीन की हरकत पर विरोध जताता रहता है लेकिन वर्षो से चीनी जहाजों की है। हाल के वर्षो में तो यह बढ़ा है। शेंकाकू द्वीप के आसपास के समुद्र को चीन पूर्व चीन सागर का हिस्सा बताते हुए उस पर अपना अधिकार जताता है।

जापानी रक्षा मंत्री ने कहा कि हम इलाके में अपनी युद्ध क्षमता का विकास करना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य शेंकाकू द्वीप और उसके आसपास के इलाके में अपनी मौजूदगी को जताना है।

संयुक्त अभ्यास का फैसला अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की जापान यात्रा में हुआ है। यह टू प्लस टू वार्ता मंगलवार को टोक्यो में हुई थी।

ब्लिंकेन और ऑस्टिन ने कहा- अमेरिका जापान की सुरक्षा में पूरा सहयोग देने के लिए वचनबद्ध हैं। ब्लिंकेन और ऑस्टिन ने कहा कि पूर्व चीन सागर में यथास्थिति को बदलने की किसी भी कोशिश का अमेरिका कड़ा विरोध करता है।

चीन की आक्रामकता का कड़ा जवाब देने के लिए अमेरिका और जापान की सेनाएं मिलकर जापानी शेंकाकू द्वीप समूह के नजदीक बड़ा अभ्यास करेंगी। जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने बताया कि संयुक्त अभ्यास में नौसेना, वायुसेना और थल सेना शामिल होंगी।

यह अभ्यास जापान के शेंकाकू द्वीप की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाएगा। जापानी रक्षा मंत्री ने कहा- हम शेंकाकू द्वीप में अपनी युद्ध क्षमता का विकास करना चाहते हैं। दरअसल इस द्वीप पर चीन दावा करता है और अक्सर वहां पर अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमान भेजता रहता है।