Asian mother comforting crying baby

इंग्लैंड में एक महिला ने जीता ऐसा केस जिससे अस्पताल को देने पड़ेंगे हर्जाने के 5.30 करोड़ रुपये

इंग्लैंड में एक महिला अस्पताल की गलती से मां नहीं बन पाई। अब सरोगेसी से मां बनने के लिए अस्पताल को 5.30 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर देने पड़ सकते हैं। महिला अपीलीय अदालत में केस जीत चुकी है। इसके बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। इंग्लैंड में कई तरह की बंदिशों की वजह से महिला अमेरिका के कैलिफोर्निया में सरोगेसी तकनीक से चार बच्चों की मां बनना चाहती है।

इसके लिए उसने विटिंग्टन अस्पताल से मुआवजे की मांग की है। दरअसल, अस्पताल की लापरवाही की वजह से चार साल तक महिला को कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चल सका। इलाज में देरी के कारण महिला को ऑपरेशन के बजाय रेडियो कीमोथेरेपी कराना पड़ा और अब वह मां नहीं बन सकती। विशेषज्ञों के अनुसार सरोगेसी तकनीक में इस तरह के विवाद का यह पहला मामला है। ऐसे में दुनियाभर के मेडिकल प्रोफेशनल की निगाहें सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि भविष्य में इस तरह के विवाद में यह फैसला एक नजीर बनेगा।

अंडाणु रख लिए थे सुरक्षित
महिला मां बनने के लिए इतनी उत्सुक थी कि उसने अपना इलाज भी देर से शुरू किया। इससे पहले उसने अपने बारह अंडाणु सुरक्षित रखवाए। तब जाकर कीमोथेरेपी शुरू करवाई

यह है मामला
पीड़ित महिला ने दस साल पहले 25 की उम्र में पहली बार कैंसर की जांच कराई थी। इसके बाद कई बार उसने टेस्ट कराए। हर बार उसे कहा गया कि वह बिल्कुल ठीक है। इसके बाद 29 साल की उम्र में उसे बताया गया कि उसे सर्वाइकल कैंसर है। अस्पताल ने जांच के दौरान लापरवाही और गलत नतीजों की बात मानी। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वह अब चाहते हुए भी मां नहीं बन सकती थी।

क्या है सरोगेसी तकनीक
सरोगेसी का मतलब है किराये की कोख। जो स्त्री अपनी कोख में दूसरों का बच्चा पालती है उसे सरोगेट मदर कहते हैं। जेस्टेशनल सरोगेसी में बच्चा चाहने वाले माता-पिता दोनों के अंडाणु और शुक्राणु मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है और उस भ्रूण को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित किया जाता है।

भारत में व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक की तैयारी
आमिर खान, तुषार कपूर और करण जौहर कुछ ऐसे बडे़ नाम हैं जिन्होंने सरोगेसी का सहारा लेकर संतान प्राप्ति की है। हालांकि, इस तकनीक का दुरुपयोग देखते हुए इस भारत में व्यावसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी है। इसके लिए एक विधेयक इसी जनवरी में लोकसभा से पास हो चुका है। फिलहाल इस पर विचार के लिए इसे प्रवर समिति के पास भेजा गया है।