भाजपा सभी विपक्षी पार्टियों को पस्त कर दिया है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत पंजीकृत की है व एनडीए को चुनाव में 350 सीटें हासिल हुई है।
उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीट पर एक बार फिर कमल खिला है। कांग्रेस पार्टी 2014 की तरह यहां एक बार फिर जीत पंजीकृत कराने में विफल रही। आलम ये है कि चुनाव में खड़े हुए कांग्रेस पार्टी के महान भी चुनावी मैदान में पस्त हो गए। कांग्रेस पार्टी के महान नेताओं में से एक हरीश रावत व प्रीतम सिंह भी अपनी जीतपंजीकृत कराने में पास नहीं हो सके।
कांग्रेस के महान नेताओं हरीश रावत व प्रीतम सिंह को इस बार के आम चुनावों में क्रमश: नैनीताल व टिहरी लोकसभा सीटों पर पराजय का मुंह देखना पड़ा। पार्टी को उत्तराखंड में अच्छे प्रदर्शन के लिए रावत व सिंह से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी व भाजपा की आंधी के आगे किसी की एक न चली। भाजपा ने प्रदेश में एक बार फिर पांचों सीटों पर जीत का परचम लहराया। जीतना तो दूर, हरीश रावत व प्रीतम सिंह भाजपा के उम्मीदवारों को कड़ी मुक़ाबला तक नहीं दे पाए।
सिंह को टिहरी सीट पर वर्तमान सांसद माला प्रदेश लक्ष्मी शाह ने हराया जबकि रावत को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने पटखनी दी। उत्तराखंड में भारी मतों के अंतर से पांचों सीटों पर विजय हासिल कर अपने कब्जे में रखने में पास रही भाजपा को इस बार 60 प्रतिशत से भी ज्यादा वोट मिले। इस पर्वतीय प्रदेश के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल को मिला यह सर्वाधिक मत फीसदी है।
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साल 2014 में पिछले आम चुनावों में कुल मतों में से 55.30 फीसदी मत भाजपा के पक्ष में पड़े थे लेकिन इस बार यह 5.70 फीसदी बढ़कर 61 फीसदी तक पहुंच गया। भाजपा के बाद कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर पर रही जिसे कुल मतों में से 31.4 प्रतिशत मत हासिल हुए। बीएसपी 4.48 मत फीसदी के साथ तीसरे जगह पर रही। सभी पांचों सीटों पर सीधे मुकाबले में रहे भाजपा व कांग्रेस पार्टी दोनों बडे राजनीतिक दलों को मिले मत फीसदी में इतने ज्यादा अंतर से यह स्पष्ट है कि प्रदेश में भाजपा को जबरदस्त समर्थन मिला।