हरियाणा के नेता ने इस वजह से छोड़ा अपना पद, जानिए ये है वजह

हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2019 में करारी शिकस्त के बाद इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशेाक अरोड़ा ने की इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया. उन्होंने न केवल अपने इस्तीफे की पेशकश की, बल्कि इनेलो सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को अपना त्याग पत्र भी सौंप दिया है. भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने पार्टी की पराजय की पूरी जिम्मेवारी खुद ली है.

प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने बोला कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने पर अपने पद से त्याग-पत्र दे दिया है. त्याग पत्र पार्टी सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को सौंप दिया गया है. इसमें उन्होंने इनेलो सुप्रीमो को आभार जताते हुए बोला कि आपने  आपके परिवार ने मुझे जो मान-सम्मान दिया, उसके लिए वे आपका दिल से आभार जाहीरकरते हैं.

प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार, पार्टी के सभी वरिष्ठ साथियों एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हे जो योगदान एवं समर्थन दिया, उसके लिए उन सभी का भी वह आभार जाहीर करते हैं. अब इनेलो सुप्रीमो तो तय करना है कि उनका त्याग पत्र मंजूर करना है या नहीं.

उल्लेखनीय है कि साल 2005 में अशेाक अरोड़ा ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेवारी संभाली थी. वह चार बार विधायक रहते हुए एक बार प्रदेश के परिवहन मंत्री  विधानसभा स्पीकर रह चुके हैं.  पार्टी ने साल 2009 का लोकसभा  विधानसभा चुनाव उन्ही के नेतृत्व में लड़ा था.
तब इनेलो ने लोकसभा में तो कोई सीट नहीं जीती, मगर विधानसभा में 32 सीटों पर पंजीकृत की थी. साल 2014 के लोकसभा चुनाव भी उनके नेतृत्व में लड़ते हुए इनेलो ने 2 सीटें विधानसभा में 19 सीटें जीती थी. मगर अब साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इनेलो को करारी शिकस्त मिली.

इससे पहले साल 2018 में नगर निगम चुनावों में भी इनेलो हारी थी  जनवरी 2019 के जींद उपचुनाव में भी इनेलो को पराजय का मुंह देखना पड़ा था. छह महीने पहले इनेलो विघटन भी प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा के कार्यकाल में ही हुआ था.