उत्तराखंड : आम आदमी पार्टी के नेता ने पीएम मोदी की रैली को बताया ऐसा, कहा अबकी बार भाजपा की विदाई तय

कर्नल अजय कोठियाल (सेनि) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून रैली पर निशाना साधा। उन्होंंने कहा कि पूरा सरकारी तंत्र लगाने के बाद भी पीएम मोदी की रैली फ्लॉप रही है।

आम आदमी पार्टी के नेता और आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल (सेनि) ने आज रविवार को उत्तराखंड के कीर्तिनगर में रोड शो निकाला। इस दौरान उन्होंने सभा में पूर्व सैनिकों का सम्मान भी किया।कर्नल कोठियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून में आयोजित जनसभा में लोग उनके भाषण से पहले ही चले गए थे। भाजपा राष्ट्रवाद के नाम पर जनता को छलती है। इस समय उत्तराखंड को डूबने से बचाने का वक्त है। इसलिए एक बार आम आदमी पार्टी को मौका दें।

शनिवार को कर्नल कोठियाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून रैली पर निशाना साधा। उन्होंंने कहा कि पूरा सरकारी तंत्र लगाने के बाद भी पीएम मोदी की रैली फ्लॉप रही है। रैली के बीच से ही लोगों के उठ कर चले जाने से साफ है कि लोग मोदी के जुमलों के झांसे में आने वाले नहीं हैं। अबकी बार भाजपा की विदाई तय है।

कर्नल कोठियाल ने पीएम मोदी की रैली को लेकर सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि रैली के लिए भाजपा ने पूरे सरकारी तंत्र को लगा दिया था। यहां तक की देहरादून में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। यूपी से भी बसों में भरकर लोगों को लाया गया। उन्होंने पीएम मोदी के दून दौरे को पूरी तरह फ्लॉप करार दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते से भाजपा इस रैली की तैयारी में जुटी रही। एक लाख लोगों के आने का दावा किया गया।

कहा कि खुद मुख्यमंत्री धामी कई बार तैयारियों को जायजा लेने परेड ग्राउंड पहुंचे। लेकिन पूरी पार्टी और सरकार मिलकर भी बताए हुए आंकड़े की 10 प्रतिशत भीड़ नहीं जुटा पाई है। पीएम के भाषण के बीच उठकर जाती हुई भीड़ ने ये साफ कर दिया कि उत्तराखंड की जनता ने भाजपा की विदाई का मन बना लिया है।

कोठियाल ने कहा कि जो भाषण पीएम ने पांच साल पहले दिया था, वैसा ही भाषण फिर से सुनाया है। पूर्व में किया गया एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। पांच साल में प्रदेश में सरकार ने कोई विकास नहीं किया। उत्तराखंड को सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने की फैक्टरी बना दिया। प्रदेश में बेरोजगारी का ग्राफ छह गुना से ज्यादा बढ़ चुका है।