यूपी पंचायत चुनाव: 74 साल की उम्र में इस प्रत्याशी ने अब तक लडे 92 चुनाव, इस बार भी किया नामांकन

पेशे से मनरेगा मजदूर हसनुराम का कहना है कि वो जो भी पैसा कमाते हैं, उसमें से आधा समाजसेवा पर खर्च कर देते हैं. हसनुराम के मुताबिक उनका उद्देश्य यही है कि वे चुनाव हारते रहें जिससे लोगों के बीच में ही हमेशा रहें.

हसनुराम ने तंज के अंदाज में कहा कि वो चुनाव जीत गए तो लोगों को पहचान भी नहीं पाएंगे. हसनुराम ने बताया कि फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था और करीब 4200 वोट पाए थे.

हसनुराम कहते हैं कि वह चुनाव जीतने के लिए नहीं हारने के लिए लड़ते हैं. अंबेडकरी इस बार जिला पंचायत के वार्ड 31 से सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं.

चुनाव के लिए उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है. आजतक से हुई खास बातचीत में अंबेडकरी ने अपने चुनावी कारवां की हर एक कहानी कैमरे पर बयां की. उन्होंने कहा कि अगर जिंदा रहा तो 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ लूंगा.

अंबेडकरी ने पहला चुनाव सन् 1985 में लड़ा था. विधायकी के पहले चुनाव में अंबेडकरी हार गए, लेकिन अंबेडकरी के हौसले ने हार नहीं मानी. उन्होंने ग्राम प्रधान से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव को लड़ना अपनी नियत ही बना लिया और तब से अब तक हर चुनाव को लड़ रहे हैं. अंबेडकरी ने ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव हो या विधायक, सांसद हो या राष्ट्रपति का चुनाव, हर किसी में नामांकन दाखिल किया है.

उत्तर प्रदेश के आगरा में जिला पंचायत चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन एक ऐसे प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल किया है, जो अब तक 1, 2 नहीं 92 चुनाव लड़ चुका है.

ये हैं खेरागढ़ के नगला दुल्हे गांव के रहने वाले हसनुराम अंबेडकरी. सन् 1947 में जन्मे अंबेडकरी हसनुराम 74 साल के हो चुके हैं. यह जानकर आपको बेहद हैरत होगी कि अंबेडकरी 74 साल की उम्र में 92 चुनाव लड़ चुके हैं.