अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए नहीं मिल रहा ये, जानकर मुसलमान हुए हैरान

अतहर का कहना है कि जब तक हमें 80-G की छूट नहीं मिलती है, तब तक हम विदेशों से आर्थिक सहायता नहीं लेंगे. आयकर छूट के बाद हम विदेशों से आर्थिक सहयोग की छूट लेने के लिए आवेदन करेंगे.

 

प्रवक्ता ने आगे कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य 5 एकड़ की भूमि में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाना है और वह अस्पताल 200 बेडों से लैस होगा. एक बेड की कीमत लगभग 50 लाख रुपये आएगी. कुल मिलाकर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने में 100 करोड़ रुपये की लागत लगेगी.

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता ने आगे कहा कि जो मस्जिद की जमीन के अंदर अस्पताल निर्माण के लिए हमने पिछले माह अस्पताल के नक्शे का आवेदन किया था, उसमें अयोध्या विकास प्राधिकरण ने कुछ आपत्तियां जताईं थी और नक्शे में संशोधन की मांग की थी.

जिसे हम लोगों ने अब संशोधित कर लिया है और जिसके चलते अयोध्या के हमारे लोकल ट्रस्टी कैप्टन अफजाल ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के कुलपति से अपॉइंटमेंट भी ले लिया था.

अतहर हुसैन का कहना है कि जब तक 80-G का सर्टिफिकेट मस्जिद ट्रस्ट को नहीं मिल जाता, तब तक वह किसी से मस्जिद निर्माण और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए दान नहीं लेंगे. बता दें कि 80-G सर्टिफिकेट आयकर काननू का वह सेक्शन है, जो विदेशों से आर्थिक सहयोग देने वाले लोगों को आयकर में छूट प्रदान करता है.

आयकर कानून का सेक्‍शन 80-G किसी ट्रस्ट, चैरिटेबल संस्था या कुछ निश्चित रिलीफ फंड्स में दान देकर टैक्स कटौती का लाभ पाने का विकल्प उपलब्ध कराता है. इसका फायदा व्यक्तिगत आयकर दाता, कोई कंपनी और एनआरआई भी उठा सकते हैं.

इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद निर्माण हेतु सिर्फ अभी तक 20 लाख रुपये का दान मिला है. वो भी हम लोगों ने मांगा नहीं है. यह दान स्वेच्छा से लोगों ने दिया है.

बता दें कि मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने किसी भी तरीके की धनराशि एकत्रित करने के लिए कोई भी अभियान नहीं चलाया है. जो दान मस्जिद निर्माण के लिए अभी तक मिला है, उसे लोगों ने स्वेच्छा से दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर और मस्जिद निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है. जहां राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान के तहत ढाई हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धन राशि एकत्रित की गई है, तो वहीं मस्जिद निर्माण के लिए डोनेशन नहीं मिल पा रहा है.