तालाब में मछली पकड़ने गए मछुआरे के जाल मे फंसे तीन खूंखार मगरमच्छ, देख मचा हड़कंप

तालाब में मछली पकड़ने जाल फेंका गया था। जाल निकालने के दौरान भारी लगा तो मछुआरे बड़ी मछली फंसने को लेकर उत्साहित थे। जाल को धीरे-धीरे खींचकर जैसे-तैसे बाहर निकाला, लेकिन उसमें मछलियों के साथ खूंखार मगरमच्छ फंसे मिले।

वह भी एक नहीं बल्कि तीन…। यह देखते ही मछुआरों और ग्रामीणों के होश उड़ गए। जाल में फंसे बड़े-बड़े मगरमच्छों को रस्सी से बांधा गया और इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग के कर्मियों ने मगरमच्छों को गांव से ले जाकर खूंटाघाट जलाशय में छोड़ दिया है। मगरमच्छ मिलने का यह मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत खैरखुंडी गांव की है।

दरअसल, बिल्हा ब्लाक के खैरखुंडी गांव में लालबंद तालाब को रमेश कुमार राजपूत एवं महिला समूह द्वारा मछली पालन के लिए लीज पर लिया गया है। तालाब में मछली पकड़ने के लिए बुधवार को डाले गए जाल में एक साथ तीन मगरमच्छ फंसे मिले। उन्हें देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। घबराए ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी।

ग्रामीणों ने जैसे-तैसे मगरमच्छों को रस्सी और उनकी आंखों को कपड़े से बांधा फिर उन्हें बाहर निकाला। मछुआरों को उम्मीद नहीं थी कि तालाब में फेंके जाल में मगरमच्छ फंसकर बाहर निकल आएंगे। इस बात की जानकारी होने पर बड़ी संख्या में लोग मगरमच्छ देखने तालाब भी पहुंच गए।

रमेश सिंह राजपूत ने बताया कि कई बार वन विभाग, कानन पेंडारी जू और मत्स्य विभाग को बता चुके हैं कि उनके तालाब में मगरमच्छ हैं। लेकिन, कहीं भी उनकी बात की सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना था कि वह जो मछली पालन करते हैं, उसमें से आधी मछलियां मगरमच्छ खा जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत पीएमओ में भी किया हूं।

खैरखुंडी गांव में मछली पकड़ने जाल डाला गया था, जिसमें तीन मगरमच्छ फंसे थे। उन्होंने तुरंत ही वन विभाग को सूचना दी। तीनों मगरमच्छों के शरीर को अच्छी तरह रस्सी में बांधकर वन विभाग के सुपुर्द किया गया। ग्रामीण बताते हैं कि खैरखुंडी के लालबंद तालाब से अब तक दर्जनों मगरमच्छों को पकड़कर वन विभाग को सौंप चुके है।