गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुआ ये, किए जा रहा ये प्रयास

चीनी सैनिकों द्वारा सीमा पर की गई हरकत दोनों देशों के आपसी संबंधों को बिगाड़ा है। चीन ने दोनों देशों के संबंधों को दरकिनार कर बिना सोचे समझे भारत के विश्वास को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा, ये चीन की जिम्मेदारी थी को वह दोनों देशों के रिश्तों को ध्यान में रखकर ही आगे की रणनीति तैयार करे।

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मई से ही चीन ने एलएसी के इलाके में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। चीन ने बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर भारत के साथ अपने समझौते का उल्लंघन किया है।

भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा सैन्य गतिरोध को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है कि चीन मान ले कि बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने का प्रयास करना सही तरीका नहीं है।’

इसके साथ ही चीन को पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियां रोकने के लिए कहा गया है। चीन में मौजूद भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी में मौजूदा हालात को कम करने का एकमात्र उपाय चीन को एहसास कराना था कि सैना का प्रयोग करके यथास्थिति को बदलना सही निर्णय नहीं होगा।

लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद कई बार दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के प्रयास किए गए। इसके बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

ऐसे में भारत ने चीन को सख्त चेतावनी दी है। भारत ने चीन को स्पष्ट कह दिया है कि एलएसी पर सेना का सहारा लेकर जमीन पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास न सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में तनाव पैदा करेगा बल्कि इसका प्रभाव द्विपक्षीय संबंधों पर भी पड़ेगा।