कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता, सामने आया ऐसा मामला…, जिसका नहीं कोई…

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘भले ही मरीजों ने संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित कर ली हो, फिर भी वो कोरोना वायरस को दूसरों में फैला सकते हैं.’

 

जबकि कुछ मरीज लक्षण खत्म होने के बावजूद कई हफ्तों तक वायरस से संक्रमित रहते हैं. शोधकर्ता अबतक इस बात को नहीं समझ पाए हैं कि क्या इस तरह के मामलों में पुराना संक्रमण फिर से हो रहा है, नया संक्रमण हो रहा है या फिर संक्रमण का पता देरी से चल रहा है. शोधकर्ताओं ने कहा, ‘Covid-19 से ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना होने वाले व्यक्ति का ये दुनिया का पहला डॉक्यूमेंट हैं.’

आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने बताया कि अपने दूसरे संक्रमण के दौरान इस व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं देखे गए, जिससे पता चलता है कि दूसरी बार का संक्रमण बहुत हल्का हो सकता है.

ये स्टडी क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है. स्टडी के मुख्य लेखक क्वोक-युंग यूएन और उनके सहयोगियों ने कहा, ‘हमारे नतीजों में पता चला कि SARS-CoV-2 इंसानों में बना रह सकता है.

वहीँ वैज्ञानिकों का कहना है कि कई महीनों के बाद फिर से संक्रमित होने का ये पहला मामला सामने आया है. 33 साल के इस व्यक्ति को एयरपोर्ट स्क्रीनिंग से पता चला कि वो फिर संक्रमित हो गया है.

ये व्यक्ति यूरोप से हॉन्ग कॉन्ग आया था. हॉन्ग कॉन्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जीनोमिक सीक्वेंस के जरिए पता लगाया कि ये व्यक्ति दो अलग-अलग स्ट्रेन से संक्रमित हुआ है.

कोरोना का कहर दुनियाभर में कम होने का नाम नही ले रहा है, ऐसे में नए मामलों पर डॉक्टरों और शोधकर्ताओं की पूरी नजर है. हॉन्ग कॉन्ग के ताजे मामले ने एक बार फिर सारी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. अप्रैल के महीने में कोरोना से ठीक हो चुका एक व्यक्ति फिर से संक्रमित पाया गया है.