शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी के बीच विभागों के बंटवारे में छिपे थे ये राज़, खुलासे के बाद सामने आई सच्चाई तो…

महाराष्ट्र में नए 36 मंत्रियों के शपथ लेने के पांच दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है. महाराष्ट्र में पांच दिनों तक महा विकास आघाड़ी गठबंधन यानी शिवसेना, कांग्रेस पार्टी व एनसीपी के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर बहुत ज्यादा माथापच्ची हुई. मगर ऐसा माना जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार को मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का ऐलान हो जाएगा.

साथ ही एनसीपी नेता अनिल देशमुख महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री बनाए जा सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि सीएम उद्धव ठाकरे अपने पास सिर्फ एक पोर्टफोलियो- सामान्य प्रशासन विभाग रख सकते हैं, जो कि प्रदेश प्रशासन से संबंधित है.

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा गृह मंत्रालय का पोर्टफोलियो नहीं लेने के कारण इस पद के लिए देशमुख के नाम की चर्चा है. माना जा रहा है कि अजीत पवार को वित्त मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है, वहीं एकनाथ शिंदे को शहरी विकास विभाग का पदभार संभाल सकते हैं. बालासाहेब थोराट को राजस्व विभाग, जंयत पाटिल जल संसाधन (सिंचाई), सुभाष देसाई उद्योग विभाग, छगन भुजबल खाद्य विभाग व दिलीप वालसे-पाटिल को एक्साइज विभाग आवंटित किया जा सकता है.

इसके अलावा, आवास विभाग जितेंद्र अवध को दिए जाने की आसार है व स्वास्थ्य विभाग राजेश टोपे को मिल सकता है. राजेंद्र शिंगेन खाद्य व औषधि प्रशासन के मंत्री हो सकते हैं, नवाब मलिक के श्रम मंत्री होने की आसार है जबकि धनंजय मुंडे सामाजिक न्याय मंत्री बनने की आसार है. इसी तरह आदित्य ठाकरे को पर्यावरण मंत्री बनाया जा सकता है, जबकि ठाकरे के विश्वास्त सहयोगी अनिल परब को सीएमओ का जिम्मा दिया जा सकता है व उदय सामंत को परिवहन विभाग मिल सकता है.

एनसीपी के सूत्रों ने बोला कि अजीत पवार अभी एंटी भ्रष्टाचार ब्यूरो की जाँच का सामना कर रहे हैं. जब तक वह इन आरोपों से बरी नहीं हो जाते, तब तक वह गृह विभाग नहीं लेंगे. प्रदेश की एंटी भ्रष्टाचार ब्यूरो यानी करप्शन निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हाल ही में पवार को सिंचाई करप्शन के मामलों में क्लीन चिट दे दी है, मगर न्यायालय ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है. महाराष्ट्र प्रदेश सहकारी बैंक घोटाले में आर्थिक क्राइम शाखा व प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर शिकायत में पवार को एक आरोपी के रूप में भी नामित किया गया है.

बताया जा रहा है कि गुरुवार को शिवसेना-कांग्रेस व एनसीपी के बीच मीटिंग में पोर्टफोलियो पर सहमति बनी. बताते चलें कि सोमवार को उद्धव मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था व 36 मंत्रियों को शामिल किया गया. मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर अब 43 हो गई है. इनमें सीएम भी शामिल हैं.