पाक के इस नेता ने अमेरिका से मांगी शरण, कहा-ट्रंप करे मेरी…

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के पांच अगस्त के फैसले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं।

 

पाकिस्तान ने इस कदम का कड़ा विरोध किया था। पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश करता रहा है। कुरैशी ने कहा, हमारी सरकार पड़ोस में शांति चाहती है।

आर्थिक सुधार और विकास के लिए अपना घरेलू एजेंडा हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हमें शांति की जरूरत है, लेकिन हम भारत के साथ शांति के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार नहीं है, खासतौर से अपनी प्रतिष्ठा की कीमत पर और न्यायोचित ढंग से कश्मीर विवाद को हल किए बगैर तो बिल्कुल भी नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबी और भुखमरी से लडनेके बजाय आरएसएस प्रेरित भाजपा सरकार ने भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने की परियोजना शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को भारत ने सभी संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़कर तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघनकरके जम्मू कश्मीर का विवादित दर्जाबदलने की कोशिश की और उसके जनसांख्यिकीय ढांचे को बदल दिया।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी  ने कहा कि भारत के साथ शांति के लिए पाकिस्तान कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार नहीं है और कश्मीर मुद्दे को न्यायोचित ढंग से हल किए बगैरतो बिल्कुल भी नहीं।

कुरैशी ने सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज थिंक टैंक को यहां गुरुवार को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की मांग को दोहराया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए मध्यस्थता करनी चाहिए।