वर्ष 2008 में ज्योति एक बच्चे की मां बनी। इस दौरान पति-पत्नी ने आपस में तय किया कि ज्योति अपनी जाॅब छोड़ दें और घर पर रहें और बच्चों की देख-भाल करे।
वर्ष 2008 में जब देश मंदी के दौर से गुजर रहा था। सौभाग्य से अविनाष की नौकरी नहीं गई, पर उन्होंने ओवर-टाइम कर अपनी नौकरी को बचाये रखा।
इसके बाद भी उनका वेतन कम कर दिया गया। इस दौरान उनके घर में आर्थिक तंगी आ गई। अविनाश घर की खास जरूरत की पूरी कर पा रहे थे। ज्योति का कहना है कि उसने पैसे की बचत करने की कोशिश की, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पा रही थी।
इस बीच देश का बाजार बनता-बिगड़ता रहा। इसी बीच वह दोबारा गर्भवती हो गईं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि सब कुछ ठीक से चलता रहे।
दूसरे बच्चे के जन्म के बाद ज्योति ने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें घर से काम करने को कहा गया था। विज्ञापन में दावा किया गया था .
58000 प्रति दिन की आय हो सकती है। आप कल्पना कीजिए की कि आपकी अर्धांगनी ने आपसे 5.6 करोड़ रूपये छुपा कर रखे हों।
क्या आप ऐसा कर सकते हैं। यूपी की रहने वाली ज्योति ने ऐसा तीन साल तक किया। उसने अपने पति व बच्चों से इस रहस्य को छिपाये रखा।
दो बच्चों की मां ज्योति और अविनाश मेहता का विवाह वर्ष 2004 में हुआ था। शादी के कुछ समय बाद उनके पति अभियंता बन गये और अपना काम करने लगे। ज्योति अपने घर के पास एक क्लीनिक पर रिसेप्सनिस्ट का काम करने लगी।