ड्रोन के जरिये नपेगी सभी गांव वालो की प्रॉपर्टी

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में ड्रोन के जरिये नपेगी सभी गांव वालो की प्रॉपर्टी, अब हद से ज्यादा…

स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासों और प्रॉपर्टी की मैपिंग की जाएगी. यह मैपिंग ड्रोन के जरिए होगी. हर एक प्रॉपर्टी का हिसाब-किताब होगा. प्रॉपर्टी के मालिक को टाइटल डीड मिलेगी और एक सर्टिफिकेट मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक इसका सबसे बड़ा लाभ होगा कि प्रॉपर्टी को लेकर जो झगड़े होते थे वह कम हो जाएंगे. साथ ही इससे गांव की प्लानिंग में मदद मिलेगी. शहरों की तरह गांव में बैंकों के द्वारा लोन आसानी से लिए सकेंगे ठीक उसी तरह जैसे प्रॉपर्टी के एवज में शहरों में लोन मिला करते हैं.

ड्रोन के जरिये नपेगी सभी गांव वालो की प्रॉपर्टी

गांव में आपकी प्रॉपर्टी (Property Dispute) को लेकर होने वाले झगड़े कम हो सकते हैं या लगभग खत्म जैसे हो सकते हैं. पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दो अहम योजनाओं की शुरुआत की है ये गांवों के लिए हैं. इस मौके पर कृषि किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे.

ये योजनाएं हैं स्वामित्व योजना और ई-ग्राम स्वराज ऐप और पोर्टल. पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना की मदद से गांवों में प्रॉपर्टी को लेकर होने वाले विवादों का निपटारा करने का प्रयास किया है.

कैसे करेगा काम

स्वामित्व योजना फिलहाल छह राज्यों यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में लॉन्च की जा रही है. यह एक तरह से पायलट प्रोजेक्ट है. इन राज्यों में योजना की सफलता के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.

ई-ग्राम स्वराज ऐप और पोर्टल
दूसरी योजना है ई-ग्राम स्वराज ऐप और पोर्टल. ई-ग्राम स्वराज की खासियत यह है कि इसमें ग्राम पंचायत और गांव से संबंधित एक-एक बातों का लेखा-जोखा होगा. जैसे कि कौन-सा प्रोजेक्ट चल रहा है, प्लानिंग की किस स्टेज पर है, कितना फंड लगा है, कब तक पूरा हो जाएगा, कितने पैसे और कहां खर्च हो रहे हैं इन सभी बातों की जानकारी ई-ग्राम स्वराज ऐप पर मिलेगी. गांव के सभी व्यक्ति इस ऐप के माध्यम से अपनी पंचायत की जानकारी रख सकेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक इस योजना से पारदर्शिता बढ़ेगी और लोग ग्राम पंचायत के कार्यों में अच्छे से सहभागिता ले पाएंगे. इन योजनाओं की लॉन्चिंग करते समय प्रधानमंत्री देश के सवा लाख पंचायत से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे.