किसानों के समर्थन में आए राज्यपाल, कहा मैंने रुकवाई थी राकेश टिकैत की गिरफ्तारी

किसान आंदोलन और चुनावी घमासान के बीच ये बयान दिया है। ऐसे में उनके इस भाषण से सरकार की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक का एक साल में तीन बार तबादला हो चुका है।

30 सितंबर, 2017 को सत्यपाल मलिक को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था मगर एक साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें 23 अगस्त 2018 को जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल बना दिया गया था। बाद में उन्हें 30 अक्टूबर 2019 को गोवा का राज्यपाल बनाया गया था, उसके बाद स्थानांतरित कर मेघालय भेज दिया गया ।

मलिक ने आगे कहा, “राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का शोर मचने पर रात में मैंने फोन करके उनकी गिरफ्तारी रुकवाई थी।” उन्होंने कहा कि सिख सरदार किसी भी बात को 300 साल तक याद रखतें हैं।

उन्होंने कहा, “मिसेज गांधी ने ब्लू स्टार करने के बाद अपने फार्म हाउस पर महामृत्युंजय पाठ कराया था। अरूण नेहरू ने बताया था कि गांधी जानती थीं कि अकाल तख्त तोड़ा है ये मुझे नहीं छोड़ेंगे। ”

दरअसल उत्तर प्रदेश के अपने गृह जनपद बागपत पहुंचे राज्यपाल सत्यपाल मलिक की जुबां पर किसानों का दर्द छलक पड़ा। राज्यपाल सरीपाल मलिक बागपत के अमीनगर सराय कस्बे में एक अभिनंदन समारोह में पहुंचे थे।

वहां लोगों को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी बात की थी बतौर मलिक उन्होंने किसानों को दिल्ली से खाली हाथ नहीं जाने देने और उन पर लाठीचार्ज नहीं कराने को कहा था।

एनडीटीवी के मुताबिक, सत्यपाल मलिक ने कहा कि बिना जाने समझे ही किसानों का सत्यनाश हो रहा है। उन्होंने कहा, “इस देश में किसान बुरे हाल में है। देश का किसान जब तक असंतुष्ट रहेगा, तब तक देश सर्वाइव नहीं करेगा।”

मलिक ने एमएसपी को कानूनी मान्यता देने की भी वकालत की है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं ये समस्या हल हो जाए और जहां तक आवश्यकता पड़ेगी वहां तक जाऊंगा।”

अब मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में आ गए हैं। विरोध-प्रदर्शन को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर भी उठाए सवाल हैं। उराज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्होंने ही किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी रुकवाई थी।