गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, गंगा जल लेकर…

उन्होंने बताया कि इसके बाद हाते में हमसे विकास दुबे ने पूछताछ की और गाड़ी दे दी। इसके बाद हम दहशत में आ गए कि हमें यह कल मार देगा। इसके बाद हम कप्तान के यहां आए।

 

यहां से थाने भेजा गया, थाने में एसओ साहब ने एक एप्लीकेशन लिखी और उसके बाद पुलिस कार्रवाई करने गई। 2 जुलाई की रात में दबिश हुई उसमें 8 पुलिसकर्मी मारे गए।

राहुल ने बताया कि एसओ साहब को लगा कि विकास इसको मार देगा, तब एसओ साहब ने अपना जनेऊ निकाला और कहा कि भइया पंडितो की इज्जत रखो।

फिर विकास दुबे ने गंगा जल निकाला और हमें भी दिया, एसओ साहब को भी दिया। इसके बाद उन्होंने कसम खिलाई। इसके बाद विकास दुबे को भी कसम खिलाई कि राहुल तिवारी को मारोगे नहीं। उसने कहा कि नहीं मारेंगे।

रास्ते में विकास के गुर्गो ने मोटरसाइकिल और पैसे भी छीन लिए। इसके बाद उन्होंने थाने में तहरीर दी। 1 जुलाई को एसओ विनय तिवारी ने कहा कि चलो, मामले की तफ्तीश कर लें।

इसके बाद वह उनके साथ घटनस्थल पर आए। इसके बाद उनके साथ बिकरू पहुंचे। वहां विकास दुबे के गुर्गो ने बहुत मारा-पीटा और हमारे सीने पर रायफल लगा दी। एसओ साहब को भी बहुत हड़काया, गाली-गलौज की।

गैंगस्टर विकास दुबे ने जिस राहुल तिवारी की पिटाई की थी वह अचानक घौर लौट आए हैं। घर लौटे तिवारी ने विकास की दुबे दहशत की कहानी बयां की। राहुल तिवारी ने बताया कि उसके ससुराल की जमीन को लेकर विकास दुबे से नहीं बनती थी। 27 जून को मोटरसाइिकल पर वह घर लौट रहे थे।