उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग हुई बेकाबू , जानिए अब क्या होगा आगे…

भारतीय वायुसेना के एक-एक हेलिकॉप्टर कुमाऊं और गढ़वाल इलाकों में लगी जंगलों की आग बुझाएंगे. कुमाऊं के लिए तैनात किया गया हेलिकॉप्टर भीमताल सरोवर से पानी भरेगा और आसपास के जंगलों की आग बुझाएगा.

भीमताल के आगे भवाली इलाके के पास भी आग की लपटें भयंकर हैं. सूखी झाड़ियां और पत्तों का ढेर धू-धू कर जल रहा है. कई हेक्टेयर में जंगल लपटों का शिकार हो रहे हैं. सोमवार की दोपहर को दमकल विभाग की ओर से रामगढ़ के आसपास आग बुझाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अंधेरा होते-होते हवा की तेज रफ्तार के चलते लपटें एक बार फिर बढ़ने लगीं.

आग की भीषण लपटें बागेश्वर रेंज में भी देखी गई साथ ही रुद्रप्रयाग इलाके में केदारघाटी में भी आग की घटनाएं सामने आईं. हालात का जायजा लेने के लिए खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सोमवार को पौड़ी इलाके में पहुंचे. हजारों की संख्या में फायर विभाग कर्मियों को आग बुझाने के मिशन पर लगाया गया है.

आज तक संवाददाता आशुतोष मिश्रा नैनीताल जिले के कई इलाकों तक गए, जहां जंगल में आग की लपटें सब कुछ जला रही हैं. उत्तराखंड में जो जिले सबसे ज्यादा आगजनी से प्रभावित हैं, उनमें नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर जिले शामिल हैं.

भीमताल इलाके के पास पहाड़ियों में आग चारों ओर फैल रही है और हवा की रफ्तार उसे बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है. आज तक संवाददाता ने भीमताल इलाके की पहाड़ियों का जायजा लिया, जहां आग बेकाबू हो रही है.

माना जा रहा है कि बीते साल कम बरसात के चलते इस बार आग की घटनाएं अप्रैल महीने से ही शुरू हो गई, क्योंकि जमीन पर गिरी पत्तियों में नमी नहीं थी, जिससे वह जल्दी ही आग पकड़ने लगी.

उत्तराखंड के जंगल पिछले कई दिनों से धू-धू करके जल रहे हैं. जंगल में लगी आग इतनी भीषण है कि जिसे बुझाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है.

जिसके बाद वायुसेना के हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं. कुमाऊं और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों को मिलाकर लगभग 40 से ज्यादा जगहों पर आग सक्रिय है. आग की विभीषिका कुमाऊं क्षेत्र में ज्यादा तीव्र है. नैनीताल जिले के कई इलाकों में आग की लपटें जंगल जला रही हैं.