आधार कार्ड को लेकर सामने आई ये बड़ी खबर, 31 मार्च के बाद हो जाएगा…

पीएम मोदी ने 13 अगस्त को करदाताओं के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में भारत के पहले चार्टर का अनावरण किया था और जनता से अपील की थी कि 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग आयकर देते हैं।

 

एक अधिकारी ने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि 130 करोड़ की आबादी में केवल 1.5 करोड़ आयकर में योगदान करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में इस ओर इशारा किया था। उपलब्ध आंकड़ों का सुझाव है कि कर आधार का विस्तार करने की तत्काल आवश्यकता है।”

आईटी कानून वित्तीय लेनदेन (एसएफटी) का ब्यौरा प्रदान करता है, जिसे पहले करदाताओं द्वारा किए गए निर्धारित उच्च मूल्य के लेनदेन को ट्रैक करने के लिए एक वार्षिक सूचना रिटर्न (आईटीआर) के रूप में जाना जाता था।

विभाग बैंकों, वित्तीय संस्थानों, म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड कंपनियों और अन्य संस्थाओं के माध्यम से इस तरह के व्यय का विवरण प्राप्त करता है।

उन्होंने कहा कि सरकार उन बेईमान लोगों के खर्चे के पैटर्न को ट्रैक करने के लिए उच्च मूल्य के लेनदेन की सूची का विस्तार कर सकती है, जो विलासिता पर बड़ी रकम खर्च करते हैं लेकिन अपनी आय को कम बताते हुए टैक्स देने से बचते हैं।

केंद्र सरकार लगातार आधार से पैन कार्ड को लिंक करने की समयसीमा बढ़ाती आ रही है। अब आयकर विभाग कार्रवाई के मूड में है।  31 मार्च की समयसीमा तक आधार के साथ लिंक नहीं करने के कारण करीब 18 करोड़ पैन कार्ड को निरस्त किया जा सकता है।

विभागीय अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अब आयकर विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश से लैस है, इसलिए कई पैन का उपयोग करके उच्च-मूल्य के लेनदेन का संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार है।