कोरोना को लेकर शोधकर्ताओं ने किया ये बड़ा दावा, कहा टायॅलेट में…छह सेकेंड के अंदर…

शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद जब हम फ्लश करते हैं, तब गैस और लिक्वि ड इंटरफेस के बीच एक संपर्क तैयार होता है. इसके परिणामस्वरूप यूरिनल से एयरोसोल के कणों का काफी बड़ी मात्रा में प्रसार होता है.

शोधकर्ताओं ने इन्हीं पर गौर किया और इनकी जांच की. लियू ने कहा कि इससे प्राप्त निष्कर्ष परेशान कर देने वाले हैं, क्योंकि शौचालय में फ्लश करते वक्त निकलने वाले छोटे-छोट कण अधिक दूरी तक प्रसार करने वाले होते हैं.

न्य कई शोधों में भी इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि मल व मूत्र दोनों से ही वायरस का संचरण संभव है. चीन में स्थित यंग्जहौ विश्वविद्यालय से शोध के अध्ययनकर्ता जियांगडॉन्ग लियू ने कहा, ‘इसके लिए हमने कंप्यूटेशनल तरल गतिकी की एक विधि का इस्तेमाल किया, ताकि फ्लश करने के दौरान अणुओं की गतिविधियों का एक खाका तैयार किया जा सके.’

सार्वजनिक शौचालयों में फ्लश करने से वायरस के वाहक कणों के फैलने की संभावना रहती है, जिसमें कोविड-19 (Covid-19) भी शामिल हैं.

यह दावा ‎किया जा रहा है चीनी शोधकर्ताओं द्वारा. ताजा शोध में पाया गया है कि जब सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद कोई फ्लश करता है तो इनसे कोविड-19 (Covid-19) के कण वायु में महज छह सेकेंड से भी कम समय के अंदर दो फीट तक ऊपर उठते हैं.