रूस की नौसेना ने किया युद्धाभ्यास का ऐलान, अमेरिका भेजा रहा खतरनाक हथियार

व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर वार्ता के दौरान इस घटनाक्रम को लेकर चिंता जताई और रूस से तनाव घटाने की अपील की।

वहीं, एक अलग बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन का पुरजोर समर्थन किया तथा रूस को पूर्व सोवियत संघ की पूर्वी सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाने के खिलाफ चेतावनी दी।

हालिया तनाव के बीच, अमेरिका ने तुर्की से कहा था कि 2 अमेरिकी युद्ध पोत 14 और 15 अप्रैल को वापस काला सागर जाएंगे तथा वहा 4 और 5 मई तक रुकेंगे, और यही पोत आज पहुंचने वाले हैं।

इससे पहले रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने मंगलवार को कहा था कि यूक्रेन की सीमा के पास देश के पश्चिमी भाग में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती NATO से खतरे के बीच सैन्य अभ्यास की तैयारियों का हिस्सा है।

शोइगु ने कहा कि पश्चिमी रूस में सैन्य अभ्यास अभी और 2 हफ्ते तक चलेगा। उन्होंने शीर्ष सैन्य अधिकारियों की बैठक में कहा कि जारी सैन्य अभ्यास अमेरिका और नाटो के सदस्य देशों द्वारा रूस की सीमा के पास उनके सैनिक बढ़ाने की निरंतर कोशिशों का जवाब है। बता दें कि यूक्रेन की सीमा के पास रूस ने हजारों सैनिकों को सैन्य साजोसामान और हथियारों के साथ तैनात किया है।

रूस की नौसेना ने बुधवार को काला सागर Black Sea) में युद्धाभ्यास का ऐलान किया है। रूस की सेना ने कहा है कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के 2 युद्धपोत भी जल्द पहुंचने वाले हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास में मिसाइलों से लैस रूस के जहाज हिस्सा ले रहे हैं। यह युद्धाभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब 2 अमेरिकी युद्धपोत संभवत: यूएसएस डॉनल्ड कुक और यूएसएस रूजवेल्ट) काला सागर पहुंचने वाले हैं, और इनमें से एक आज ही पहुंचेगा। बता दें कि रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि यदि वह ‘खुद की भलाई’ चाहता है तो इलाके से दूर ही रहे, हालांकि अमेरिका नहीं माना।