रातो – रात चीन ने किया इस देश पर कब्जा, शुरू हो सकता है युद्ध

चीन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में आक्रामक विदेश नीति अपना रखा है और नेपाल में भी उनके ड्रीम प्रॉजेक्ट बेल्ट एंड रोड के तहत काम होना है.

 

चीन के सैनिकों ने सबसे पहले नेपाली जमीन पर वर्ष 2009 में कब्जा करना शुरू किया था और पशुओं के लिए हॉस्पिटल बनाया था. जब शाही ने इस पर आपत्ति जताई तो उन्हें नेपाल सरकार की ओर से बताया गया कि इस हॉस्पिटल से याक और बकरियों को फायदा होगा.

नेपाली कांग्रेस के एक सांसद जीवन बहादुर शाही ने कहा, चीन क्यों नेपाल में आना चाहता है, जबकि उसके पास हमारे छोटे से देश के मुकाबले 60 गुना ज्यादा जमीन है?

न तो नेपाल और न ही चीन ने इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कोई जवाब दिया है. नेपाल के नेताओं ने आरोप लगाया है कि ओली सरकार अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार और क्षेत्रीय सहयोगी चीन के गुस्सा होने के डर से इस पूरे मामले में चुप्पी मारकर बैठी हुई है.

पीएलए के सैनिकों ने कथित रूप से गोरखा जिले में भी सीमा के पिलर को नेपाल के इलाके में और ज्यादा पीछे खिसका दिया है. इसी तरह से नेपाल के रसुआ, सिंधुपालचौक और संकुवासभा जिलों में भी चीनी सेना ने नेपाल की जमीन पर कब्जा किया है. इस खेल को अंजाम देने से पहले चीन के इंजीनियरों ने तिब्बत में नदियों की धारा को बदल दिया जो नेपाल और चीन के बीच प्राकृतिक सीमा का काम करती थीं.

ब्रिटेन के अखबार द डेली टेलीग्राफ से बातचीत में नेपाली नेताओं ने बताया कि नेपाल के उत्तरी-पश्चिमी जिले हुमला में चीनी सेना ने लिमी घाटी और हिल्सा को पार किया और पत्थर के बने पिलर को हटा दिया.

यही पिलर उखाड़कर उसे और ज्यादा नेपाली इलाके में पीछे कर दिया. इसके बाद चीनी सेना अब इस इलाके में सैन्य ठिकाना बना रही है. अखबार ने बताया कि उसने चीनी सेना के सैन्य ठिकाने की तस्वीरें देखी हैं.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद ड्रैगन ने नेपाल की 150 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है. चीन ने पांच मोर्चों पर इस साल मई महीने में नेपाल की जमीन पर कब्जा करना शुरू किया. नेपाल के नेताओं ने बताया कि नेपाली जमीन पर कब्जे के लिए चीन ने सीमा पर अपनी सेना को तैनात करना शुरू कर दिया था.