BEIJING, March 2, 2020 -- Chinese President Xi Jinping, also general secretary of the Communist Party of China Central Committee and chairman of the Central Military Commission, talks with experts during his visit to the School of Medicine at Tsinghua University in Beijing, capital of China, March 2, 2020. Xi on Monday inspected the scientific research on novel coronavirus disease COVID-19 as well as the diagnosis and treatment of the disease in his visit to two institutes in Beijing. (photo by Yan Yan/Xinhua via Getty)

रातो – रात वैज्ञानिकों की उड़ी नींद, चीन में आया ये नया वायरस

चीन के वैज्ञानिकों ने जी-4 वायरस को खोजने के लिए 7 साल का वक्त लिया है, उन्होंने साल 2011 से 2018 तक गहन रिसर्च किया, जिसके लिए उन्होंने 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों पर रिसर्च की और उसके बाद शोध में निकलकर सामने आया कि चीन में करीब 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं, जिसमें सबसे घातक जी-4 वायरस है, जिससे मानव जाति को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

शोध में साफ तौर पर कहा गया है कि ये फ्लू चीन में साल 2016 से है, शोध में कहा गया है कि चीन में सुअरों के फार्म में काम करने वाले 10 प्रतिशत लोगों में जी-4 में ये घातक वायरस पाया गया है, जिनमें सामान्य फ्लू की ही तरह से लक्षण थे, मसलन बुखार, खांसी और छींक, ये फ्लू धीरे-धीरे कोशिकाओं को प्रभावित करता है और देखते ही देखते घातक हो जाता है।

विज्ञान पत्रिका पीएनएएस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि चीन में एक नए तरह का स्वाइन फ्लू सामने आया है। जो कि आनुवंशिक रूप से एच1एन1 का ही एक रूप है.

जिसे वैज्ञानिकों ने जी-4 नाम दिया है, लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। मालूम हो कि स्वाइन फ्लू साल 2009 में महामारी के रूप में सामने आया था।

चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस से पूरा विश्व जंग लड़ रहा है, दुनियाभर में कोरोना से अब तक 5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, विश्व इस महामारी से अभी उबर भी नहीं पाया है कि चीन में पाए गए एक और नए वायरस ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है, दरअसल चीन में शोधकर्ताओं ने एक नए प्रकार के स्वाइन फ्लू का पता लगाया है.