पेट्रोल और डीजल की कीमतों मे आएगी कमी , योगी सरकार करने जा रही ऐसा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की जलन झेल रहे प्रदेशवासियों को राहत देने के लिये मंथन-चिंतन करना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री ने पेट्रोल-डीजल पर मौजूदा वैट की दर और उससे मिलने वाले राजस्व के बारे में जानकारी मांगी थी. इस बात पर भी चर्चा की थी कि अगर तीन-चार रुपये पेट्रोल-डीजल सस्ता किया जाता है तो उससे मार्च तक के राजस्व पर क्या असर आएगा? सरकार की कोशिश है कि यह 100 रुपये पर लीटर पर आकर रुक जाए.

महंगाई बना सबसे बड़ा मुद्दा : महंगाई इस समय सबसे बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. देशभर में महंगे हुये पेट्रोल-डीजल के दामों से प्रदेश की जनता जूझ रही है. अगले साल प्रदेश में चुनाव होने हैं. इसे लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियां बनाने में मशगूल हैं. उनकी रणनीतियों में महंगाई सबसे अहम मुद्दा बनकर उभरा हुआ है. प्रदेश में चुनावी बिसात बिछाए उन सभी दलों ने भाजपा को महंगाई का दोषी बनाकर हमला करना शुरू कर रखा है. पेट्रो उत्पादों का बढ़ा हुआ दाम भी अहम विषय है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव होने के कारण सरकार, प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए निश्चित तौर पर पेट्रोल-डीजल से वैट घटाएगी. कोशिश होगी कि पेट्रोल-डीजल पांच रुपये लीटर तक सस्ता हो जाए.

इस संबंध में जानकारी देते हुये राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया है कि तीन-चार रुपये पेट्रोल-डीजल सस्ता किया जाता है तो उससे मार्च तक तकरीबन पांच हजार करोड़ रुपये राजस्व घट जाएगा. दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से अचानक ही राज्य सरकारों के लिये मेडिकल के लिये तमाम योजनाएं शुरू करनी मजबूरी हो गई थीं. ऐसे में राज्य सरकारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ तो बढ़ना ही था. इसी वजह से पेट्रो उत्पादों के मूल्यों में यह इजाफा नज़र आ रहा है.