अफगानिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान कर रहा ये काम, तालिबान का दे रहा साथ

अमेरिका ने इसकी घोषणा की है तब से तालिबान लगातार अफगानिस्‍तान में अपने पांव फैलाने में लगा हुआ है। पिछले दिनों अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत डेबरा ल्योन्स ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद को चेतावनी दी थी ।

 

यदि तालिबान को नहीं रोका गया तो वो अफगनिस्‍तान के अधिकांश हिस्‍सों पर पहले की ही तरह कब्‍जा जमा लेगा। उनके मुताबिक मई से लेकर अब तक तालिबान ने हमला कर करीब 142 से अधिक जिलों को अपने कब्‍जे में ले लिया है।

बोल्‍टन ने साफ कहा कि वो भविष्‍य को लेकर काफी चिंतित हैं। अमेरिका के पूर्व एनएसए का ये बयन ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के अफगानिस्‍तान से बाहर निकलने की समय सीमा लगातार कम हो रही है।

इस इंटरव्‍यू के दौरान बोल्‍टन ने ये भी कहा कि जब से अमेरिका ने अफगानिस्‍तान से वापस जाने की बात की है और इसकी शुरुआत की है तब से तालिबान लगातार देश में अपने पांव फैला रहा है।

कई जिलों को वो अपने कब्‍जे में कर चुका है। बोल्‍टन ने तालिबान को एक सुरक्षित जगह मुहैया करवाने पर पाकिस्‍तान की खिंचाई भी की है। उन्‍होंने अपने इंटरव्यू में यहां तक कहा तक कहा कि पाकिस्‍तान अमेरिका ही नहीं अफगानिस्‍तान फोर्स के खिलाफ भी काम करने में व्‍यस्‍त है। अफगान फोर्स के ऊपर हमला कराने में भी उसकी भूमिका है।

अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्‍टन ने अफगानिस्‍तान की बदहाली के लिए सीधे तौर पाकिस्‍तान को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी के लिए पाकिस्‍तान पूरा सहयोग कर रहा है है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी और उनका इंटरनल सर्किल दशकों से तालिबान के संपर्क में है। बोल्‍टन ने पाकिस्‍तान को आगाह किया कि यदि अफगानिस्‍तान में तालिबान ने सत्‍ता हथिया ली तो वो पाकिस्‍तान के लिए भी एक बड़ा खतरा बन जाएगा। ऐसी सूरत में पाकिस्‍तान की सरकार पर आंतकी संगठनों की संख्‍या बढ़ाने का जबरदस्‍त दबाव होगा।