साथ आए अमेरिका और रूस, करने जा रहे ये काम

29 जून को सुबह छह बजे के बाद अटलांटिस और उसके सात क्रू मेंबर्स ने स्पेस स्टेशन मीर से संपर्क किया. इस दौरान दोनों स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी से 245 मील ऊपर परिक्रमा कर रहे थे.

वहीं, जब मीर पर सवार एस्ट्रोनोट्स ने अटलांटिस को देखा तो उसमें से तीन लोगों ने एक पारंपरिक गीत के जरिए अमेरिकी एस्ट्रोनोट्स का स्वागत किया.

अगले दो घंटे में अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट के कमांडर रॉबर्ट हूट गिब्सन ने बेहद ही कुशलता के साथ इसे रूसी स्पेस स्टेशन की ओर मोड़ा. डॉकिंग के लिए गिब्सन ने 100 के टन के अमेरिकी स्पसेक्राफ्ट अटलांटिस को तीन इंच तक लेकर गए. इसके बाद अटलांटिस को मीर से जोड़ दिया गया.

दोनों कट्टर दुश्मनों के बीच अंतरिक्ष कार्यक्रमों के जरिए ये सहयोग का पल एक ऐतिहासिक घड़ी भी थी, क्योंकि इस मिशन के साथ अमेरिका ने अपना 100वां अंतरिक्ष मिशन पूरा किया था.

उस समय, NASA के प्रमुख डैनियल गोल्डिन ने इसे अमेरिका और रूस के बीच दोस्ती और सहयोग के एक नए युग की शुरुआत भी कहा था. टेलीविजन पर लाखों दर्शकों ने अटलांटिस को 27 जून 1995 को पूर्वी फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center) से उड़ान भरते देखा.

द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के बाद से ही रूस और अमेरिका (Russia and US) के बीच रक्षा से लेकर अंतरिक्ष (Space) तक के क्षेत्र में प्रतिद्वंद्विता चलती रही.

ऐसे में दोनों देश के एक-दूसरे के दुश्मन रहे हैं. लेकिन एक क्षेत्र ऐसा रहा है, जहां दोनों ने हाथ मिलाया है और वो क्षेत्र है अंतरिक्ष. स्पेस के क्षेत्र में दोनों ने एक-दूसरे का काफी सहयोग किया है.

इसी कड़ी में आज ही के दिन 29 जून 1995 को अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट अटलांटिस (Atlantis) रूसी स्पेस स्टेशन मीर (Russian space station Mir) के साथ जुड़ा. इस तरह इसने पृथ्वी की कक्षा में अब तक का सबसे बड़ा मानव निर्मित उपग्रह बनाने का काम किया.