दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर दिनभर चले इंडिया टीवी कॉन्क्लेव ‘चुनाव मंच’ में सवालों का जवाब देते हुए मनोज तिवारी ने कहा-‘ये लोग राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
11 फरवरी को जब रुझान बीजेपी के पक्ष में आना शुरू हो जाएगा तब ये प्रदर्शनकारी शाहीन बाग से टेंट और सामान लेकर अपने आप घर चले जाएंगे।’
‘ये लोग (विपक्ष) इस मुद्दे को पोलराइज (ध्रुवीकरण) करने की कोशिश कर रहे हैं। हमलोग मोदी सरकार की सफलता, जैसे 13 करोड़ घरों में शौचालय, 9.5 करोड़ घरों में मुफ्त गैस कनेक्शन, 2.5 करोड़ बेघरों के लिए घर और 80 लाख गरीबों को चिकित्सा खर्च मुहैया कराना, इन सबको हाईलाइट करना चाहते थे।
लेकिन ये लोग सड़क को रोककर और दिल्ली के एक हिस्से पर कब्जा करने की कोशिश करके सीएए के मुद्दे पर पोलराइजेशन (ध्रुवीकरण) करने की कोशिश कर रहे हैं।’
यह पूछे जाने पर कि दिल्ली पुलिस तो सीधे केंद्र के अधीन काम करती है तो फिर वह शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटा पाने में विफल क्यों रही, मनोज तिवारी ने कहा- ‘क्योंकि वहां पर महिलाएं और बच्चे भी बैठे हुए हैं। हर कोई जानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज करने की कभी-भी इजाजत नहीं देंगे।’
यह पूछे जाने पर कि यदि बीजेपी दिल्ली का चुनाव जीत जाती है और उसके बाद भी अगर प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखते हैं तो क्या होगा, इस पर मनोज तिवारी ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया।
मनोज तिवारी ने कहा- ‘कृपया यह समझने की कोशिश कीजिए कि प्रवेश (वर्मा, बीजेपी सांसद) ने क्या कहने की कोशिश की। वे कौन लोग हैं जो इन प्रदर्शनकारियों की मदद कर रहे हैं? मनीष सिसोदिया (दिल्ली के डिप्टी सीएम) खुलेआम कह चुके हैं कि उनकी पार्टी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी है।’
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि शाहीन बाग में पिछले 45 दिनों से चल रहा धरना-प्रदर्शन 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही खत्म हो जाएगा।