पिछले कई सालों से अमेरिकी सेना अफ़ग़ानिस्तान में डेरा डाले हुए है. बता दें की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वर्ष 2016 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का वादा कर सत्ता में आए थे।
ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए मैदान में हैं। ट्रंप के सामाने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाकर घरेलू मोर्चे पर अपनी दावेदारी मजबूत करने की चुनौती है।
वहीं इस संभावित समझौते पर भारत की पैनी नजर है। दरअसल, भारत नहीं चाहता है कि तालिबान जैसा कोई भी आतंकी संगठन अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाए।
अमेरिकी सेना को लेकर बड़ा फैसला होने जा रहा है, आपको बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में शनिवार को अहम बैठक होने जा रही है।
इसमें अफगानिस्तान में शांति बहाली और अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर समझौता हो सकता है। समझौते के समय बैठक में भारत का प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा।