अभी – अभी चीन में हुआ ये, भारत आएं…

इनमें से कम से कम 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स तथा सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में हिंदुस्तान में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार से सक्रिय रूप से संपर्क में हैं। अगर बातचीत सफल होती है तो यह चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा।

 

ये कंपनियां हिंदुस्तान को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखती हैं और सरकार के विभिन्न स्तरों के समक्ष अपना प्रस्ताव पेश कर चुकी हैं.
जिनमें विदेश में हिंदुस्तानी दूतावास तथा राज्यों के उद्योग मंत्रालय शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार के एक अफसर ने कहा कि वर्तमान में करीबन 1000 कम्पनियां विभिन्न स्तरों जैसे इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेल, सेंट्रल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स और राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही हैं। इन कंपनियों में से हमने 300 कम्पनियों को लक्षित किया है।

चीन से विश्व का फेवरेट मैन्युफैक्चरिंग हब होने का तमगा छिन सकता है।कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुई दिक्कतों के बीच लगभग 1000 विदेशी कंपनियां सरकार के अफसरों से हिंदुस्तान में अपनी फैक्ट्रियां लगाने को लेकर बातचीत कर रही हैं।