ईरान ने ट्रंप को याद दिलाया ये नंबर, कहा युद्ध क्षेत्र में…

अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ते ही जा रहा है, इसके साथ ही युद्ध के बढ़ते आसार के बीच ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और गठबंधन बल के खिलाफ अपने कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए बुधवार को दर्जनों मिसाइल हमले किए, वहीं राष्ट्रपति हसन रूहानी की तरफ से ट्विटर के जरिए दी गई डोनाल्ड ट्रंप की धमिकयों पर भी पलटवार किया गया है.

 

आपको बता दें कि ट्रंप ने 5 जनवरी को ट्वीट कर कहा कि ईरान हमेशा से उनके लिए समस्या रहा है और अगर अब वह कुछ करता है तो हमने उसके चिन्हित 52 ठिकानों का विनाश कर देंगे.

वहीँ इसके बारे में विस्तार से बताते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने इन ठिकानों की संख्या के पीछे की वजह उन 52 अमेरिकी नागरिकों को बताया, जिन्हें कई साल पहले ईरान ने बंधक बनाया था. ट्रंप ने ईरान को 1979 की यह घटना याद दिलाते हुए कहा था कि अगर ईरान अब किसी अमेरिकी नागरिक या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो वह चिन्हित 52 ठिकानों पर जोरदार हमले करेगा.

ज्ञात हो कि ट्रंप ने कहा था कि हम 52 ठिकानों को निशाना ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में बना रहे हैं. वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को 52 ठिकानों की धमकी दी तो ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जवाब देने में देर नहीं लगाई. अगले ही दिन हसन रूहानी ट्विटर पर ही ट्रंप पर पलटवार किया. हसन रूहानी ने कहा, ‘जो नंबर 52 का जिक्र कर रहे हैं, उन्हें 290 की संख्या भी याद रखनी चाहिए.’ हैशटैग IR655 के साथ अपने इस ट्वीट में हसन रूहानी ने यह भी लिखा कि ‘ईरान को कभी मत धमकाना.’

बता दें कि 3 जुलाई 1988 को अमेरिकी सेना ने ईरान के विमान IR655 को निशाना बनाया गया, जिसमें सवार सभी 290 लोगों की मौत हो गई. इसमें क्रू मेंबर और 66 बच्चे भी शामिल थे. ये वो समय था, जब ईरान और इराक के बीच चला लंबा युद्ध अपने अंतिम चरण में था. अमेरिका इराक के सद्दाम हुसैन का साथ दे रहा था, जिसके मद्देनजर अमेरिकी नेवी इलाके युद्ध क्षेत्र में तैनात थी.