चीन से भारत की दो टूक, सीमा पर तैनात भारी सेना, जताई ये आशंका…

आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोग त्सो झील के दक्षिणी छोर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई गोलीबारी की घटना से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

 

ऐसे में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की ये बातचीत बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत और चीन सीमा विवाद के हल के लिए राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए बातचीत कर रहे हैं। ये समझ दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बातचीत में बनी है। अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में इस पर चर्चा होगी। भारत सीमा पर शांति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

सीमा पर जारी तनाव के बीच मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ 2 घंटे से ज्यादा वक्त तक बैठक चली। बैठक में दोनों देश सीमा पर तनाव घटाने को लेकर सहमत हो गए हैं।

भारत और चीन सीमा विवाद घटाने के लिए राजी हुए हैं। दोनों देशों के बीच 5 सूत्रीय फॉर्मूले पर रजामंदी हो गई है। इस संबंध में एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया है।

दोनों पक्षों की सेनाएं अपनी बातचीत जारी रखेंगी और अपने स्तर पर तनाव कम करने के प्रयास करेंगी।  सीमा से जुड़े मामलों पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र (SR) के माध्यम से संवाद जारी रखा जाएगा।  पूर्व के सभी समझौतों को ध्यान में रखा जाएगा।  मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमा पर शांति जरूरी। सीमा क्षेत्रों में शांति के लिए विश्वास कायम करने के प्रयासों में तेजी लाई जाएगी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में हुई वांग यी और जयशंकर की बैठक पर साझा बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों का मानना है कि एलएसी के मौजूदा हालात दोनों ही पक्षों के हित में नहीं हैं। ऐसे में दोनों में सहमति बनी है कि एलएसी पर सैन्यबलों में वार्ता जारी रहनी चाहिए और उन्हें पीछे हटने के साथ, जरूरी दूरी बनाए रखनी चाहिए, ताकि विवाद कम हो सके।

सीमा पर जारी तनाव के बीच मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ 2 घंटे से ज्यादा वक्त तक बैठक चली। बैठक में दोनों देश सीमा पर तनाव घटाने को लेकर सहमत हो गए हैं।

भारत और चीन सीमा विवाद घटाने के लिए राजी हुए हैं। दोनों देशों के बीच 5 सूत्रीय फॉर्मूले पर रजामंदी हो गई है। इस संबंध में एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया है।

जिसके मुताबिक, दोनों पक्षों की सेनाएं अपनी बातचीत जारी रखेंगी और अपने स्तर पर तनाव कम करने के प्रयास करेंगी। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने साफ कर दिया कि LAC पर भारत ने कभी यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं किया।