भारत ने चीन को दी ये बड़ी चेतावनी, जल्द से जल्द वापस बुलाएं सेना’…किया जा रहा…

चीनी सेना गलवान घाटी और कुछ अन्य क्षेत्रों से पीछे हटी है, लेकिन भारत की मांग के अनुसार, पैगोंग त्सो में फिंगर फोर और आठ क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी नहीं हुई है.

क्षेत्र में पर्वत-स्कंधों को फिंगर्स के रूप में जाना जाता है. चीन ने गोगरा क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी को भी पूरा नहीं किया है. सूत्रों ने कहा कि रविवार की वार्ता का फोकस आगे के डी-एस्केलेशन के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना और सैनिकों को विभिन्न तनातनी के बिंदुओं से पीछे हटाना था. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने संबंधित सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ बातचीत के विवरण पर चर्चा की.

घटनाक्रम से परिचित लोगों के अनुसार भारतीय प्रतिनिधिमंडल (Indian delegation) ने बहुत स्पष्ट रूप से और कड़ा रुख कर चीनी पक्ष को बताया कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के सभी क्षेत्रों में यथास्थिति की बहाली दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है.

और बीजिंग (Beijing) को शेष सीमा बिंदुओं से अपने सैनिकों का पूरी तरह से पीछे हटाया जाना (complete disengagement) सुनिश्चित करना होगा. उन्होंने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना (Indian Army) देश की क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगी.

इस बात की जानकारी घटनाक्रम (developments) से परिचित लोगों ने सोमवार को दी. दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों ने रविवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की चीनी सीमा पर मोल्डो में एक पहले से निर्धारित बैठक बिंदु पर लगभग 11 घंटे तक गहन बातचीत  की.

भारतीय सेना (Indian army) ने पांचवें दौर की सैन्य वार्ता में चीन की पीएलए (China’s PLA) को स्पष्ट रूप से बता दिया है भारत की क्षेत्रीय अखंडता (territorial integrity) पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा.

और स्पष्ट रूप से कहा है कि पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) और पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में कुछ अन्य तनातनी के बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाया जाने के काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.