लद्दाख में सैनिक भेजना बंद करेंगे भारत और चीन, होने जा रहा…14 घंटे तक…

भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं।

 

पहली तीन जगहों पर तो चीनी सैनिक भारत की जमीन पर बैठे हुए हैं। फिंगर्स एरिया और चुशूल में स्थिति सबसे अधिक नाजुक है और यहां कहीं-कहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300-500 मीटर का फासला है।

आपको बता दें कि 10 सितंबर को रूस के मॉस्को में हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद पहली सैन्य बातचीत थी। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टीनेंट जनरल हरिंदर सिंह, वहीं चीन का नेतृत्व मेजर जनरल लियू लिन ने किया।

लेफ्टीनेंट जनरल हरिंदर की जगह लेने जा रहे लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी इस बैठक में शामिल हुए। इसके अलावा पहली बार विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुआ।

जानकारी के मुताबिक बैठक में दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने उस पांच सूत्रीय समझौते पर चर्चा की जिस पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच सहमति बनी थी। बैठक का एजेंडा इस समझौतों को लागू करने की एक निश्चित समयरेखा बनाना था।

साथ ही बयान में कहा गया कि दोनों देशों के कॉर्प्स कमांडरों के बीच जल्द ही 7वें दौर की बातचीत होगी और गतिरोध को सुलझाने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने और संयुक्त रूप से सीमा पर शांति सुनिश्चित के लिए कदम उठाए जाएंगे।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भारत ने एकबार फिर साफ कर दिया कि चूंकि चीन ने पहला कदम उठाया था, इसलिए उसे अपने सैनिक पहले पीछे हटाने होंगे और भारत इसके बाद सैनिक हटाएगाा।

दोनों देशों के साझा बयान में कहा गया कि ’21 सितंबर को भारत और चीन वरिष्ठ कमांडरों के बीच छठे दौर की बातचीत हुई। उनमें दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति को ईमानदारी से लागू करने, जमीन पर संवाद मजबूत करने, गलतफहमी और गलत मूल्यांक से बचने, अग्रिम मोर्चे पर सैनिक भेजना बंद करने, जमीनी स्थिति एकतरफा बदलने से बचने और स्थिति को जटिल करने वाली कार्रवाईयां करने से बचने पर सहमति बनी।’

 भारत और चीन के बीच पिछले 5 महीने से सरहद (LAC) पर जारी तनाव थोड़ा कम होता दिख रहा है। 21 सिंतबर को दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अब और अधिक सैनिक न भेजने पर सहमति बनी है।

तकरीबन 14 घंटे तक चली इस मैराथन बैठक के बाद एक साझा बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया है कि दोनों देश अब पूर्वी लद्दाख में सैनिक भेजना बंद कर देंगे। हालांकि बैठक में अप्रैल से पहले की स्थिति कायम करने पर कोई सहमति नहीं बनी जो भारत की सबसे अहम मांग रही है।