चीन और भारत की तरफ से जो ज्वॉइन्ट स्टेटमेंट आया है उसमें वर्तमान स्थिति क्या है इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है। न ही इस बात का कोई इशारा मिलता है कि दोनों देशों के बीच अप्रैल 2020 वाली स्थिति को एलएसी पर बहाल करने को लेकर क्या सहमति बनी है।
मई माह से ही भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव जारी है। छठें दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन के साझा बयान वाली एक प्रेस रिलीज जारी की गई थी। इस बयान के मुताबिक भारत और चीन दोनों ही संपर्क को मजबूत करने की अहमियत पर जोर देने को राजी हुए और किसी भी तरह की गलतफहमी से बचने के लिए भी तैयार हुए हैं।
इसके अलावा अब लद्दाख में फ्रंटलाइन पर और ज्यादा जवान नहीं भेजे जाएंगे। वहीं इस बयान में कहा गया है, ‘एकपक्षीय कार्रवाई के तहत स्थिति में बदलाव से बचा जाएगा और उन एक्शन से भी बचा जाएगा जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।’ इस बयान के बाद वर्तमान स्थिति क्या है इस पर बस कयास ही लगाए जा रहे हैं
मंगलवार को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर एक साझा बयान जारी किया गया है। इस बयान में दोनों देश इस बात पर राजी हुए हैं कि अब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर और ज्यादा जवान नहीं भेजे जाएंगे।
लेकिन इन सबके बीच इस स्थिति को लेकर कनफ्यूजन बना हुआ कि दोनों देशों के बीच अप्रैल वाली यथास्थिति को लेकर क्या तय हुआ है। सूत्रों की मानें तो इस मसले पर कोई भी हल नहीं निकल सका है।
सोमवार को भारत और चीन के बीच छठें दौर की कोर कमांडर वार्ता हुई है और 13 घंटे की मीटिंग भी बेनतीजा खत्म हो गई। यह मीटिंग चीन के हिस्से में आने वाले मोल्डो में हुई थी।