चीन में आई ये बड़ी आफत, सेना ने खोला मोर्चा

अगर चीन को ताइवान पर कब्जा करना है, तो चीन को सारी सेना को ताइवान पर चढ़ाई करनी होगी। हमें इतना बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहिए”।

इसी प्रकार जनरल Dai Xu ने कहा, “अमेरिका पर आपके द्वारा लगाए गए 30 अरब डॉलर  के प्रतिबंध से आपको खुद 60 से 90 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचेगा। अमेरिका हमसे बहुत ताकतवर है। हमें गुस्से से नहीं, समझदारी से लड़ना चाहिए।”

एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में PLA के दो experts, रिटायर्ड जनरल Qiao Liang और जनरल Dai Xu ने शी जिनपिंग के नेतृत्व पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग की विदेश नीति हमारे दोस्तों को ही हमारे खिलाफ कर रही है।

जनरल Qiao Liang ने कहा, “चीन का मकसद ताइवान को खुद में मिलाना नहीं है, बल्कि सभी 1.4 अरब चीनी नागरिकों को खुश रखना है। लेकिन क्या आज ताइवान को चीन में मिलाकर ऐसा किया जा सकता है? बिलकुल नहीं!

यही कारण है कि अब चीन की ताकतवर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी(CCP) के रिश्ते में खटाई देखने को मिल रही है। दरअसल, हाल ही में PLA के दो वरिष्ठ अधिकारीयों ने CCP की विदेश नीति की जमकर आलोचना की है और चीन की आक्रामक कूटनीति को आत्मघाती बताया है। इसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि PLA और CCP के बीच सब कुछ सही नहीं है।

भारत-अमेरिका जहां चीन के टेक क्षेत्र को बर्बाद करने की योजना पर लगातार काम कर रहे हैं, तो वहीं दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया के देश भी चीन को आड़े हाथों ले रहे हैं।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना काल के शुरुआत से ही आक्रामक कूटनीति यानि wolf warrior diplomacy का रास्ता अपनाया हुआ है।

चीन को लगा था कि उसकी धमकियों और गीदड़ भभकियों के आगे दुनिया घुटने टेक देगी, लेकिन आज आलम यह है कि दुनियाभर में चीनी सरकार और सेना को मुंह की खानी पड़ रही है।