सामने आई चीनी सेना की सबसे बड़ी कमजोरी, इस चीज़ से लगता है डर

चीन ने कुछ कमांडरों के मारे जाने की बात जरूर स्वीकार की थी। 15 और 16 जून की रात दो चीनी हेलीकॉप्टरों ने मृतकों और घायलों को पास के अस्पतालों में ले गए।

 

15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके अलावा चीन के 40 से ज्यादा सैनिक भी मारे गए, लेकिन चीन की सरकार ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया।

भारतीय सैन्य कमांडरों के अनुसार, यह जानकारी प्रासंगिक है क्योंकि सितंबर से पूर्वी लद्दाख में मौसम तेजी से बदलता है। हिंसक झड़प में बचे लोगों ने बताया, जब दोनों सेनाओं के बीच झड़प शुरू हुई तब बड़ी संख्या में चीनी सैनिक ऊपर आए, लेकिन 16000 फीट पर ऑक्सीजन की कमी के कारण जल्द ही नीचे जाने लगे। जो ऑक्सीजन की कमी से बच गए वह जमी हुई गलवान नदी की चपेट में आ गए।

बड़ी संख्या में दोनों तरफ के सैनिक हाइपोक्सिया (ऊंचाई के कारण कम ऑक्सीजन का स्तर) और हाइपोथर्मिया (अत्यधिक ठंड) का सामना कर रहे थे ।

15 जून की शाम जब गालवान में भारतीय सेना के जवान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ भिड़ गए, तब नदी का तापमान शून्य (और कुछ स्थानों पर इससे नीचे) के करीब था।