गुस्से में आकर किसानों ने किया ये , सावधान हुआ प्रशासन

किसानों द्वारा बनाए जा रहे इन पक्के मकानों में कूलर रखने की व्यवस्था है, साथ ही हवा के लिए वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां बनाई गई हैं. अखबार से बात करते हुए यूनाइटेड किसान मंच के नेता दीप खत्री ने कहा कि, “गर्मी के मौसम में हम टेंट में नहीं रह सकते हैं इसलिए पक्के मकानों का निर्माण किया जा रहा है.

सर्दी के मौसम में सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की, इसलिए हमारे कई किसान भाइयों की मौत हो गई. इसलिए हम गर्मी से बचने के लिए पक्के घर बना रहे हैं.”

झज्जर के जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि “बहादुरगढ़ के एसडीएम और डीएसपी ने किसानों से पक्के मकानों का निर्माण कार्य रोकने को कहा है.

जिस पर वे सहमत हो गए हैं.” हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों के पहले से निर्मित हो चुके पक्के निर्माण पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 3 महीनों से प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए डटे हुए हैं. अब किसानों ने टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पक्के मकानों का निर्माण शुरू कर दिया है. कुल-मिलाकर किसान अब लंबे संघर्ष के लिए व्यवस्थाएं बनाना शुरू कर चुके हैं.

इस बीच दिल्ली और हरियाणा प्रशासन भी इस निर्माण को लेकर सावधान हो चुका है और किसानों को निर्माण कार्य रोकने के निर्देश जारी कर दिए हैं. बता दें सिंधु और टीकरी बॉर्डर पर होने वाले निर्माण हरियाणा की सीमा में आते हैं.