पाकिस्तान में हिन्दुओ को मिली बड़ी सौगात, कहा अगले वर्ष रास्ता साफ

करतारपुर कॉरिडोर के ऐतिहासिक उद्धाटन के बाद पाक अब धार्मिक स्थल खोलने की तैयारी में है. हिंदू श्रद्धालुओं ( Hindu Pilgrims ) के लिए सौगात देते हुए पाक पेशावर स्थित प्राचीन पंज तीरथ ( Panj Tirath Pakistan ) के द्वार हिंदुस्तानियों के लिए खोलने की तैयारी में है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले वर्ष तक यहां हिंदुस्तानियों के लिए रास्ता साफ हो जाएगा.

 

अगले महीने खोला जा सकता है मंदिर

पंज तीरथ को पाक ने वर्ष के आरंभ में ही राष्ट्रीय विरासत घोषित किया था. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि मंदिर अगले महीने खुल सकता है. इसके पहले पाक ने एक हजार वर्ष पुराने शिवाला तेजा सिंह मंदिर को अक्टूबर में खोला था. वहीं, करतारपुर कॉरिडोर  उससे पहले सियालकोट स्थित गुरुद्वारा चोआ साहिब भी उन धार्मिक स्थलों में शामिल है, जिसे पाक ने हाल ही में खोला है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि ये सभी धार्मिकस्थल बंटवारे के बाद बंद कर दिए गए थे.

मंदिर को नुकसान पहुंचाने वाले पर 20 लाख रुपये जुर्माना  पांच वर्ष जेल

आपको बता दें कि इस दुनिया मशहूर मंदिर को पांच तालाबों की वजह से इसे पंज तीर्थ बोला जाता है. इसी वर्ष जनवरी में पाक के डायरेक्टरेट ऑफ आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियम ने एक अधिसूचना जारी कर पंज तीरथ को एक ऐतिहासिक विरासत घोषित किया था. नयी घोषणा के बाद इस स्थल को नुकसान पहुंचाने वाले को 20 लाख रुपये जुर्माना  पांच वर्ष कारागार का भी प्रावधान है.

पंज तीरथ की खास बातें

इस प्राचीन मंदिर में खजूर के पेड़ों वाला बगीचा भी है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में यहां के तालाबों में स्नान करने का बहुत ज्यादा महत्व है. 17वीं सदी से ही श्रद्धालु यहां पहुंचकर तालाब में स्नान करते हैं  खजूर के पेड़ों के नीचे पूजा करते हैं. बीच में इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा व्यवधान पड़ गया था. सत्रहवीं शताब्दी में अफगान दुर्रानी राजवंश के दौरान इस प्राचीन मंदिर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया. हमले में तालाब  आसपास के मंदिर टूट-फूट गए. हालांकि, 18वीं सदी में सिख शासन के दौरान हिंदुओं ने इसका पुनर्निर्माण करवाया. इसके बाद से यहां पूजा दोबारा प्रारम्भ हो गई.